- ईरान में फंसे 285 नागरिक रविवार रात सुरक्षित लौटे, एयरपोर्ट पर गूंजे ‘भारत माता की जय’
नई दिल्ली। ईरान-इजराइल युद्ध के हालातों के बीच भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए चलाया जा रहा ऑपरेशन सिंधु लगातार सफलता की ओर बढ़ रहा है। रविवार देर रात ईरान के मशहद से 285 भारतीय नागरिकों को लेकर एक और फ्लाइट दिल्ली पहुंची, जिससे अब तक इस अभियान के अंतर्गत 1,713 भारतीय सुरक्षित स्वदेश लौट चुके हैं।
‘वंदे मातरम्’ के नारों और नम आंखों के साथ स्वागत
रविवार रात 11:30 बजे जैसे ही विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा, देश लौटे यात्रियों ने ‘वंदे मातरम्’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। कई लोग भावुक हो उठे, कुछ की आंखों में आंसू थे तो कुछ ने एयरपोर्ट की ज़मीन पर माथा टेककर आभार जताया। यह दृश्य भावनात्मक और गर्व से भरा हुआ था।

प्रयागराज की छात्रा अलमास बोलीं- विदेश में भी मिला सुरक्षा और सुकून
प्रयागराज की रहने वालीं अलमास रिज़वी, जो ईरान में पढ़ाई कर रही थीं, ने बताया, “भारतीय दूतावास ने हमारी हर मोड़ पर मदद की। हमें अच्छे होटल में ठहराया गया, समय पर खाना मिला और हमारी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा गया। ऐसा कभी महसूस नहीं हुआ कि हम युद्ध जैसी स्थिति में फंसे हैं।”
इजराइल से भी निकाले गए 160 भारतीय, आज दिल्ली पहुंचने की उम्मीद
भारत सरकार ने इजराइल में फंसे भारतीयों को निकालने की प्रक्रिया भी तेज़ कर दी है। रविवार को 160 नागरिकों का एक जत्था इजराइल से सुरक्षित निकाल कर जॉर्डन पहुंचा, जहां से वह आज दिल्ली पहुंचेगा। इजराइल में अभी भी करीब 40,000 भारतीय नागरिक मौजूद हैं, जिनमें केयरगिवर, छात्र और मज़दूर शामिल हैं। सरकार ने इन्हें चरणबद्ध तरीके से निकालने की योजना बनाई है।
ईरान ने खोला एयरस्पेस, तीन चार्टर फ्लाइट्स से हुई सुरक्षित निकासी
भारत सरकार के अनुरोध पर ईरान ने अपने एयरस्पेस पर लगी पाबंदियों को हटाया, जिससे वहां फंसे 1,000 से ज्यादा भारतीयों को निकालने का रास्ता साफ हुआ। ये सभी नागरिक तेहरान से मशहद लाए गए, जहां से ईरानी एयरलाइन ‘माहान’ की तीन चार्टर फ्लाइट्स के जरिए इन्हें भारत लाया गया। ईरान स्थित भारतीय दूतावास के प्रयासों और वहां के सहयोग से यह निकासी अभियान सफल हो पाया। ईरानी मिशन के उप प्रमुख मोहम्मद जवाद हुसैनी ने संकेत दिया कि ज़रूरत पड़ी तो आने वाले दिनों में अधिक उड़ानों की व्यवस्था की जाएगी।

सरकार का सधा और संवेदनशील संचालन
विदेश मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, और रक्षा मंत्रालय के बीच तालमेल से ऑपरेशन सिंधु को कुशलता से अंजाम दिया जा रहा है। युद्ध जैसे हालातों के बावजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा, भोजन और रहने की व्यवस्था को प्राथमिकता दी गई, जिससे विदेश में फंसे भारतीयों को मानसिक राहत मिली।