- देश के 11 राज्यों में कोरोना से 65 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 58 मौतें बीते 10 दिनों में हुई हैं
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस एक बार फिर सिर उठाता नजर आ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2025 से अब तक देश के 11 राज्यों में कोरोना से 65 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 58 मौतें बीते 10 दिनों में हुई हैं। औसतन हर दिन 5 से 6 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हो रही है। देश में फिलहाल सक्रिय मामलों की संख्या 6133 पहुंच गई है। केरल (1950 केस) फिलहाल सबसे अधिक प्रभावित राज्य है, इसके बाद गुजरात (822), पश्चिम बंगाल (693) और दिल्ली (686) में भी मामले बढ़ते दिख रहे हैं।
केंद्र सरकार ने दिए निर्देश, सभी राज्यों में मॉक ड्रिल
तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को सजग रहने के निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है। मॉक ड्रिल कर यह परखा जा रहा है कि राज्य आपात स्थिति से निपटने के लिए कितने तैयार हैं।
भारत में मिले कोरोना के चार नए वैरिएंट
इस बार कोरोना की वापसी के साथ नए वैरिएंट्स भी चिंता बढ़ा रहे हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल के मुताबिक, दक्षिण और पश्चिम भारत से जो सैंपल जीनोमिक सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए थे, उनमें LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 जैसे नए वैरिएंट्स पाए गए हैं। डॉ. बहल ने कहा, “अभी इन वैरिएंट्स के कारण हालात गंभीर नहीं हैं। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता बेहद जरूरी है।” WHO ने भी इन वैरिएंट्स को ‘वॉच कैटेगरी’ में रखा है, यानी इन पर निगरानी बनाए रखने की जरूरत है, फिलहाल ये ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ नहीं हैं।
कौन सा वैरिएंट सबसे ज्यादा फैल रहा है?
भारत में फिलहाल JN.1 सबसे आम वैरिएंट है, टेस्टिंग में आधे से अधिक सैंपल्स में इसी की पुष्टि हो रही है। इसके बाद BA.2 और ओमिक्रॉन की सबलाइनेज का प्रकोप है। NB.1.8.1 वैरिएंट को लेकर वैज्ञानिकों की चिंता थोड़ी अधिक है, क्योंकि इसमें A435S, V445H और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन हैं, जो संक्रमण को तेजी से फैलाने में सक्षम हैं और पूर्व में बनी इम्यूनिटी को भी चकमा दे सकते हैं।
एशिया में भी यही वैरिएंट हावी
चीन समेत एशिया के कई देशों में इन नए वैरिएंट्स के कारण मामलों में तेज़ी देखी जा रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि मौसम में बदलाव और त्योहारों की भीड़ के कारण संक्रमण की गति बढ़ी है। भारत में फिलहाल टेस्टिंग की रफ्तार धीमी है, ऐसे में असली आंकड़े इससे कहीं ज्यादा हो सकते हैं।
आम जनता से क्या अपेक्षा?
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनें, हाथों की सफाई रखें और हल्के लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट कराएं। बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और पहले से बीमार लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।