- मूसलधार बारिश के चलते शहर में कई जगह जलभराव और लंबा ट्रैफिक जाम देखने को मिला।
- पुणे में बादल फटने की घटना के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए
मुंबई/पुणे/तिरुवनंतपुरम। महाराष्ट्र में इस बार मानसून ने वक्त से करीब 10 दिन पहले दस्तक दी है, जिससे मुंबई और पुणे समेत कई इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मुंबई में रविवार रात से हो रही मूसलधार बारिश के चलते शहर में कई जगह जलभराव और लंबा ट्रैफिक जाम देखने को मिला। वहीं पुणे में बादल फटने की घटना के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। दूसरी ओर, केरल में बारिश कहर बनकर बरस रही है, जहां कई इलाकों में पेड़ गिरने और करंट लगने से लोगों की मौत हो चुकी है।
मुंबई में बारिश से ट्रैफिक और उड़ानों पर असर
मुंबई में सोमवार सुबह से ही लगातार बारिश हो रही है। घने बादलों के कारण विजिबिलिटी इतनी कम हो गई कि वाहन चालकों को दिन में भी हेडलाइट जलाकर चलना पड़ रहा है। तेज हवाएं (70-80 किमी/घंटा) चलने से कई जगहों पर पेड़ गिर गए हैं। खराब मौसम और दृश्यता की कमी के कारण देश के विभिन्न शहरों से आने वाली 8 फ्लाइट्स को डायवर्ट करना पड़ा या उनकी लैंडिंग में देरी हुई।
पुणे में बादल फटा, NDRF की टीमें तैनात
पुणे के पाटस क्षेत्र (पुणे-सोलापुर हाईवे) में रविवार को बादल फटने की घटना हुई, जिससे नदियां और नाले उफान पर आ गए। करीब 200 घरों में पानी भर गया और कई वाहन—including ट्रैक्टर—बाढ़ के पानी में बह गए। बारामती और इंदापुर इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है, जहां NDRF की दो टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं।

मानसून की समय से पहले एंट्री: 35 साल में दूसरी बार
मौसम विभाग के अनुसार, इस बार महाराष्ट्र में मानसून ने 26 मई को प्रवेश किया, जो सामान्य से लगभग 10 दिन पहले है। इससे पहले 1990 में 20 मई को मानसून आया था। आमतौर पर यह 5 जून के आसपास आता है। इस बार मानसून ने 24 मई को केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और पुडुचेरी में दस्तक दी थी और अगले ही दिन गोवा व महाराष्ट्र के कुछ हिस्से इसके दायरे में आ गए।

केरल में भीषण बारिश, जनहानि और स्कूल बंद
केरल में मानसून की तेज बारिश ने तबाही मचाई है। त्रिशूर में एक चलती ट्रेन पर पेड़ गिर गया, वहीं कोझिकोड में स्कूटर चला रहे युवक पर पेड़ गिरने से उसकी मौत हो गई। कोडंचेरी में करंट लगने से एक भाई-बहन की मौत हो गई। राज्य के 9 जिलों में स्कूल-कॉलेज एहतियातन बंद कर दिए गए हैं। पलक्कड़ में 40 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 4 पूरी तरह ढह चुके हैं। वायनाड जिले में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। यहां NDRF की 28 सदस्यीय टीम राहत कार्य में जुटी है।
मध्य भारत भी अलर्ट पर

मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक ट्रफ के असर से आने वाले चार दिनों तक तेज आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।