भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा रविवार सुबह अयोध्या पहुंचे और प्रभु श्रीराम के दरबार में अपने श्रद्धा के भाव अर्पित किए। सुबह लगभग 7 बजे दोनों ने राम मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर रामलला के दर्शन किए। वे लगभग 10 मिनट तक गर्भगृह में रहे, जहां विशेष प्रोटोकॉल के तहत दर्शन की व्यवस्था की गई थी।
रामनामी पहनकर किया अभिनंदन, मंदिर में रही सादगी
मंदिर प्रशासन के अनुसार, इस विशेष दर्शन के लिए किसी भी प्रकार की मीडिया कवरेज या फोटोशूट की अनुमति नहीं दी गई थी। मंदिर के वरिष्ठ पुजारी संतोष तिवारी ने विराट और अनुष्का को पारंपरिक रामनामी पहनाकर स्वागत किया और पूजा-अर्चना में उन्हें शामिल किया।
दर्शन के बाद दोनों ने मंदिर परिसर में कुछ समय बिताया और राम मंदिर की नक्काशी, वास्तु और निर्माण प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली। सूत्रों के मुताबिक, कोहली और अनुष्का मंदिर के प्रथम तल तक भी गए और वहां चल रहे निर्माण कार्य को देखा, जहां अब तक केवल निर्माण एजेंसी और प्रशासनिक अधिकारी ही पहुंचते थे। दोनों मंदिर परिसर में करीब आधे घंटे तक रुके।

हनुमानगढ़ी पहुंचे विराट-अनुष्का, आशीर्वाद और भेंट में मिली हनुमान जी की प्रतिमा
रामलला के दर्शन के बाद विराट और अनुष्का सुबह करीब 8 बजे अयोध्या के ऐतिहासिक हनुमानगढ़ी मंदिर पहुंचे। यहां विराट ने सवा किलो लड्डू और फूलों की माला चढ़ाई। पुजारी ने उन्हें सफेद और लाल फूलों की दो मालाएं पहनाईं और माथे पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया। अनुष्का शर्मा को भी पीले फूलों की दो मालाएं पहनाई गईं।
हनुमानगढ़ी में महंत संजय दास ने दोनों को भगवान हनुमान की प्रतिमा भेंट की और उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। महंत ने बताया, “विराट और अनुष्का का अध्यात्म, संस्कृति और सनातन धर्म के प्रति गहरा जुड़ाव है। उन्होंने गहन श्रद्धा के साथ दर्शन किए और पौराणिक परंपराओं पर संवाद भी किया।”

मंदिर की परिक्रमा करते नजर आए विराट और अनुष्का
विराट कोहली और अनुष्का शर्मा की उपस्थिति अयोध्या में पूरी तरह श्रद्धा और सादगी से भरी रही। विराट ने अनुष्का का हाथ पकड़कर मंदिर की परिक्रमा की, और दोनों ने मंदिर परिसर में मौजूद भक्तों और सेवकों से सहजता से संवाद किया।
हालांकि इस धार्मिक यात्रा के दौरान दोनों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी और सार्वजनिक रूप से किसी बयान से परहेज़ किया, लेकिन उनके भाव और आचरण से स्पष्ट था कि यह यात्रा उनके लिए केवल एक दर्शन नहीं, बल्कि आध्यात्मिक अनुभूति थी।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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