- बीजिंग में चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात, रिश्तों में सुधार की उम्मीद जताई
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर पांच साल बाद चीन के दौरे पर हैं। सोमवार को उन्होंने बीजिंग में चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच भारत-चीन संबंधों में सुधार, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में सहयोग और कैलाश मानसरोवर यात्रा जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। जयशंकर का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब 2020 की गलवान घाटी झड़प के बाद दोनों देशों के संबंध बेहद तनावपूर्ण रहे हैं। जयशंकर ने इस मुलाकात को सकारात्मक बताते हुए कहा कि “इस दौरे से द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की दिशा में अहम कदम बढ़ेगा।”
भारत ने चीन की SCO अध्यक्षता का समर्थन किया
जयशंकर ने कहा कि भारत, चीन की एससीओ अध्यक्षता का समर्थन करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह सहयोग क्षेत्रीय स्थिरता और आपसी भरोसे को मजबूत करेगा। उन्होंने अक्टूबर 2024 में कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, “उस बैठक के बाद से रिश्तों में सकारात्मक संकेत दिखाई दिए हैं।”
कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली को बताया ‘सकारात्मक संकेत’
जयशंकर ने कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली को एक “सकारात्मक और सराहनीय पहल” बताया। उन्होंने कहा कि भारत में इस निर्णय का व्यापक स्वागत हुआ है और यह भारत-चीन संबंधों के सामान्य होने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
वैश्विक हालात पर भी हुई चर्चा
बातचीत में जयशंकर ने मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों को ‘जटिल’ बताया और कहा कि भारत और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच खुला संवाद इस समय बेहद ज़रूरी है। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों के 75 साल पूरे हो रहे हैं, और यह एक ऐसा समय है जब आगे बढ़कर सहयोग को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

वांग यी से भी होगी मुलाकात
जयशंकर बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से भी मुलाकात करेंगे, जिनसे उनकी पिछली भेंट फरवरी में जोहान्सबर्ग में हुई थी। मंगलवार को वह तियानजिन में होने वाली एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे, जिसमें कई अन्य द्विपक्षीय मुलाकातें भी प्रस्तावित हैं।
गलवान टकराव के बाद रिश्तों में खटास
2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में भारी गिरावट आई। यह टकराव 45 वर्षों में दोनों देशों के बीच सबसे गंभीर सैन्य झड़प थी। कज़ान बैठक के बाद दोनों देशों ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधि (SR) प्रणाली को फिर से शुरू करने का फैसला किया। अगले महीने वांग यी के भारत दौरे की भी संभावना है, जिसमें वे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात कर सकते हैं।
Pleased to meet Vice President Han Zheng soon after my arrival in Beijing today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 14, 2025
Conveyed India’s support for China’s SCO Presidency.
Noted the improvement in our bilateral ties. And expressed confidence that discussions during my visit will maintain that positive trajectory. pic.twitter.com/F8hXRHVyOE