October 24, 2025 11:11 PM

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा – जीएसटी अधिकारी ईमानदार करदाताओं के साथ विनम्रता और सहानुभूति से पेश आएं

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जीएसटी अधिकारी ईमानदार करदाताओं के साथ विनम्र और सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करें : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (हि.स.)।
केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी अधिकारियों को ईमानदार करदाताओं के साथ विनम्र, सहानुभूतिपूर्ण और सहयोगी व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने यह बात गाजियाबाद में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) के नवनिर्मित भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान कही।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की कर प्रणाली का मूल उद्देश्य केवल कर संग्रह नहीं है, बल्कि ईमानदार करदाताओं को सम्मान और सुविधा प्रदान करना भी है। उन्होंने अधिकारियों को यह संदेश दिया कि कर प्रशासन को “भयमुक्त” और “मानव-केंद्रित” बनाया जाना चाहिए, ताकि करदाता देश की अर्थव्यवस्था में अपनी भूमिका को सहजता से निभा सकें।


करदाताओं के साथ संवाद और सहयोग की संस्कृति जरूरी

सीतारमण ने अपने संबोधन में कहा कि कर अधिकारी और व्यापारी के बीच किसी प्रकार की दूरी या अविश्वास नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा —

“आप और करदाता के बीच कोई लोहे की दीवार नहीं है, बस हवा का एक झोंका है। आपको यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि समस्या कहां है, बजाय इसके कि उसे और जटिल बनाया जाए।”

उन्होंने कहा कि यदि अधिकारी ईमानदार करदाताओं के साथ सहयोग और सहानुभूति का व्यवहार करेंगे, तो न केवल राजस्व संग्रह बढ़ेगा बल्कि कर प्रणाली के प्रति जनता का विश्वास भी और मजबूत होगा।


“प्रौद्योगिकी से बनेगा पारदर्शी और संवेदनशील कर प्रशासन”

वित्त मंत्री ने कहा कि आधुनिक भारत में कर प्रशासन को भी तकनीकी रूप से अधिक सशक्त और पारदर्शी बनना होगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जीएसटी पंजीकरण, रिफंड, और शिकायत निवारण जैसे कार्यों में डिजिटल समाधान और ऑटोमेशन का अधिकतम उपयोग करें, ताकि करदाताओं को समय पर राहत और सुविधा मिल सके।

उन्होंने कहा कि भारत का जीएसटी 2.0 मॉडल वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन चुका है और यह भारत की प्रगतिशील आर्थिक सोच को दर्शाता है। सीतारमण ने कहा —

“हमें अगली पीढ़ी के कराधान ढांचे के अनुरूप काम करने के लिए अगली पीढ़ी के राजस्व बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है। तकनीक के साथ सहानुभूति का संतुलन ही भविष्य का कर प्रशासन निर्धारित करेगा।”


नया सीजीएसटी भवन : सुशासन और दक्षता का प्रतीक

गाजियाबाद में बने नए सीजीएसटी भवन का उद्घाटन करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि यह परिसर “सुशासन और नवाचार के संगम का प्रतीक” है। उन्होंने बताया कि इस भवन में बुनियादी ढांचे के साथ आधुनिक तकनीकी सुविधाएं जोड़ी गई हैं, ताकि अधिकारियों को कार्य के साथ-साथ जनता से बेहतर संवाद का अवसर मिले।

यह भवन सीजीएसटी गाजियाबाद आयुक्तालय, सीजीएसटी लेखा परीक्षा आयुक्तालय, सीजीएसटी अपील आयुक्तालय और वेतन एवं लेखा कार्यालय को एक ही छत के नीचे लाता है, जिससे प्रशासनिक तालमेल और परिचालन दक्षता में वृद्धि होगी।

भवन का निर्माण 116 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है, जो 2.21 एकड़ भूमि पर फैला है। इसमें दो बेसमेंट और सात मंजिलें हैं, साथ ही लगभग 300 वाहनों की पार्किंग सुविधा भी है। इसे एक हरित और ऊर्जा-कुशल परिसर के रूप में विकसित किया गया है।


ईमानदार करदाताओं के लिए बनेगा “सहज कर वातावरण”

सीतारमण ने कहा कि कर प्रशासन का अंतिम लक्ष्य ईमानदार करदाताओं के लिए एक सहज और भरोसेमंद माहौल बनाना है। उन्होंने कहा —

“आपका व्यवहार करदाताओं को प्रेरित करने वाला होना चाहिए। उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि सरकार उनके साथ है, उनके खिलाफ नहीं।”

उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे निर्धारित मानक प्रक्रियाओं (Standard Operating Procedures) का पालन करते हुए, सहानुभूति और शालीनता का प्रदर्शन करें। उन्होंने चेतावनी दी कि जीएसटी विभाग में किसी भी अधिकारी द्वारा कदाचार, लापरवाही या अनैतिक व्यवहार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


“जीएसटी 2.0 भारत के आर्थिक सुधार का प्रतीक”

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी 2.0 मॉडल भारत की आर्थिक नीतियों के विकास और सरल कर ढांचे की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया को दिखा रहा है कि कैसे प्रौद्योगिकी और पारदर्शिता के माध्यम से कर प्रणाली को आम नागरिकों के लिए सुगम बनाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि ईमानदार करदाता को सम्मान मिले, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे, और व्यापारिक माहौल बेहतर बने।



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