लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रियंका गांधी का केंद्र सरकार पर तीखा हमला
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। यह उनका लोकसभा में पहला भाषण था, जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरा और अपने विचार रखे। प्रियंका गांधी ने 32 मिनट तक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने जातीय जनगणना, अदाणी मुद्दे, देश की एकता और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर अपने विचार साझा किए।
जातीय जनगणना पर सवाल
प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में सबसे पहले जातीय जनगणना का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार से सवाल किया कि सरकार जातीय जनगणना कराने से क्यों बच रही है। प्रियंका ने यह भी कहा कि पिछड़ी जातियों और अनुसूचित जातियों के अधिकारों की रक्षा के लिए जातीय जनगणना जरूरी है, ताकि सरकार उनके लिए जरूरी योजनाएं बना सके।
अदाणी मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा
प्रियंका गांधी ने अदाणी समूह के खिलाफ चल रहे विवाद का भी जिक्र किया और केंद्र सरकार से सवाल किया कि वह इस मुद्दे पर चुप क्यों है। उन्होंने कहा कि अदाणी के खिलाफ उठ रहे सवालों पर सरकार को जवाब देना चाहिए और इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
पंडित नेहरू का जिक्र
प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में पंडित जवाहरलाल नेहरू का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू ने देश की राजनीति और समाज को एक नए दिशा दी, लेकिन वर्तमान सरकार लगातार उनके योगदानों और नीतियों की आलोचना कर रही है। प्रियंका ने सवाल उठाया कि सत्ता पक्ष अतीत को कब तक कोसता रहेगा और क्यों नहीं वर्तमान मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
सरकार पर सीधा हमला
प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह लोकतंत्र की संस्थाओं को कमजोर कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है ।