उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल से शुरू होने वाले महाकुंभ मेले में श्रद्धालुओं की सेवा के लिए देश-विदेश के कई संगठनों और व्यक्तियों ने हाथ बढ़ाया है। इसी क्रम में भारत के प्रख्यात उद्योगपति और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की घोषणा की है। महाकुंभ, जो कि 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ होकर 26 फरवरी 2025 तक चलेगा, में हर दिन लाखों श्रद्धालु संगम पर स्नान करने और धार्मिक आयोजन में भाग लेने के लिए पहुंचते हैं।
गौतम अडानी और उनके अडानी ग्रुप ने इस आयोजन में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) के साथ साझेदारी की है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य श्रद्धालुओं को निशुल्क और शुद्ध महाप्रसाद प्रदान करना है। इस विशेष सेवा के तहत महाकुंभ के दौरान प्रतिदिन 1 लाख श्रद्धालुओं को महाप्रसाद बांटा जाएगा।
सेवा और भक्ति का संगम
अडानी ग्रुप का इस आयोजन में शामिल होना न केवल उनकी धार्मिक आस्था को दर्शाता है, बल्कि उनके समाजसेवा के दृष्टिकोण को भी उजागर करता है। ISKCON, जो कि विश्वभर में भक्ति और सेवा के लिए प्रसिद्ध है, के साथ इस साझेदारी से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महाप्रसाद शुद्धता, गुणवत्ता और आध्यात्मिकता का प्रतीक हो।
महाकुंभ की तैयारियां
प्रयागराज में 2025 का महाकुंभ मेला एक ऐतिहासिक आयोजन बनने जा रहा है। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन इस आयोजन के लिए पिछले कई महीनों से तैयारियों में जुटे हुए हैं। अनुमान है कि इस बार 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु इस आयोजन में भाग लेंगे। संगम पर स्नान, प्रवचन, कीर्तन और अन्य धार्मिक कार्यक्रम महाकुंभ के मुख्य आकर्षण रहेंगे।
अडानी ग्रुप और ISKCON की यह पहल न केवल श्रद्धालुओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगी, बल्कि समाज में सेवा और धार्मिक आस्था के नए उदाहरण पेश करेगी। गौतम अडानी के इस कदम की सराहना हो रही है, क्योंकि यह उनके द्वारा समाज को वापस लौटाने की भावना का प्रतीक है।
महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन भारत की संस्कृति और एकता का प्रतीक हैं, और ऐसे में बड़े उद्योगपतियों और संगठनों का सहयोग इस आयोजन की सफलता को और बढ़ाता है।