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February 5, 2025 8:32 PM

महाकुम्भ 2025: संगम की रेती पर आस्था का सैलाब, पहले शाही स्नान पर 1.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया स्नान

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लखनऊ, 13 जनवरी 2025। महाकुम्भ 2025 के पहले शाही स्नान के अवसर पर प्रयागराज के पवित्र संगम में श्रद्धालुओं की एक विशाल भीड़ उमड़ी। सोमवार, 15 जनवरी को पौष पूर्णिमा के अवसर पर डेढ़ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। यह आयोजन भारतीय संस्कृति और आस्था का एक प्रमुख पर्व साबित हुआ, जिसमें देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने अपने पुण्य के लिए पवित्र जल में डुबकी लगाई।

स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या

प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, पौष पूर्णिमा के इस पहले स्नान दिन, श्रद्धालुओं की संख्या सुबह 9:30 बजे तक 60 लाख, सुबह 11:00 बजे तक 80 लाख, दोपहर 3:00 बजे तक 1 करोड़ और शाम सूर्यास्त तक 1.50 करोड़ को पार कर गई। इस ऐतिहासिक अवसर पर संगम तट पर आस्था और भक्ति की लहरें दिखी, जहां एकता के प्रतीक स्वरूप, लाखों लोग मिलकर श्रद्धा से डुबकी लगा रहे थे।

SONAMARG, JAN 13 (UNI):- Gathering at the inauguration of Sonamarg Tunnel project at Sonamarg, in Jammu and Kashmir on Monday. Prime Minister Narendra Modi addressing on the occasion. UNI PHOTO-77U

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अभिनंदन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस भव्य आयोजन की सफलता के लिए राज्य सरकार और प्रशासन की तारीफ की। उन्होंने पुलिस प्रशासन, नगर निगम के अधिकारियों, और मीडिया के कर्मचारियों का अभिनंदन करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने महाकुम्भ के पहले स्नान को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में योगदान देने वाले सभी विभागों को साधुवाद दिया। मुख्यमंत्री ने लिखा, “पुण्य फलें, महाकुम्भ चलें!”

महाकुम्भ की भव्यता में श्रद्धालु और संतगण

महाकुम्भ के इस पहले दिन, श्रद्धालु अपने धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-अर्चना में रमते हुए संगम में स्नान करने के लिए उमड़े। संगम तट पर संतों और कल्पवासियों का आशीर्वाद प्राप्त करने का अद्वितीय दृश्य था, जहां हर कोई अपनी आस्था के साथ एकता का संदेश दे रहा था। कुम्भ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं का उत्साह और आस्था साफ नजर आ रही थी।

योगी सरकार की व्यवस्थाओं पर संतुष्टि

महाकुम्भ के इस पहले दिन की भीड़ को देखते हुए, श्रद्धालु राज्य सरकार की तैयारियों से संतुष्ट दिखे। उन्होंने महाकुम्भ मेले के लिए किए गए सुरक्षा और व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मेला क्षेत्र में सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए गए हैं, जिसमें इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, और डीआईजी एवं एसएसपी स्वयं मेला क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं।

कल्पवासियों का तप और प्रार्थना

पौष पूर्णिमा के दिन कल्पवासियों ने संगम में स्नान कर पुण्य की प्राप्ति के लिए अपने कठिन तप का पालन शुरू किया। उन्होंने मोक्ष, सद्गति और संपूर्ण विश्व के कल्याण की कामना करते हुए प्रार्थना की। महाकुम्भ के इस आरंभिक दिन का महत्व और भी बढ़ गया, क्योंकि सोमवार होने के कारण महादेव की उपासना का विशेष संयोग था। मेला क्षेत्र के सभी घाटों पर श्रद्धालु महादेव की पूजा करते हुए पवित्र जलधारा में डुबकी लगाते हुए संकल्प लेते रहे। “हर-हर महादेव”, “जय श्रीराम”, और “जय बजरंग बली” के उद्घोष से संगम तट गुंजायमान रहा।

विदेशी श्रद्धालु भी आए महाकुम्भ के दर्शन को

संगम तट पर भारतीय श्रद्धालुओं के साथ-साथ विदेशी श्रद्धालुओं का भी तांता लगा था। साउथ कोरिया से आए यू-ट्यूबर दल ने महाकुम्भ के विभिन्न शॉट्स को कैमरे में कैद किया, तो जापान से आए पर्यटक महाकुम्भ के विशाल जनसैलाब को देखकर स्थानीय गाइडों से जानकारी लेते हुए दिखे। रूस, अमेरिका और अन्य देशों से आए श्रद्धालुओं ने इस अद्भुत धार्मिक और सांस्कृतिक महापर्व में अपनी आस्था व्यक्त की और पुण्य की डुबकी लगाई। स्पेन से आई क्रिस्टीना भी महाकुम्भ की भव्यता देखकर काफी प्रभावित हुईं और इस अद्वितीय क्षण की सराहना की।

प्रधानमंत्री मोदी का संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पावन अवसर पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, “भारतीय मूल्यों और संस्कृति को महत्व देने वाले करोड़ों लोगों के लिए महाकुम्भ-2025 एक विशेष दिन है! आस्था, भक्ति और संस्कृति के पवित्र संगम में अनगिनत लोग एक साथ आए हैं। महाकुम्भ भारत की शाश्वत आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है और आस्था और सद्भाव का जश्न मनाता है।”

आगे का आयोजन

महाकुम्भ 2025 का आयोजन 45 दिनों तक चलेगा, जिसमें श्रद्धालु विभिन्न स्नान पर्वों में भाग लेंगे। अनुमान है कि इस दौरान और भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम तट पर आकर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे। इस आयोजन में सुरक्षा, सफाई, और अन्य व्यवस्थाओं के लिए सरकार द्वारा पूरी तैयारी की गई है, जिससे कि इस अद्भुत धार्मिक मेले का आयोजन सुचारु रूप से किया जा सके।

महाकुम्भ 2025 न केवल भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह विश्वभर के श्रद्धालुओं के लिए एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक अनुभव बन चुका है।

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