शुक्रवार सुबह जयपुर के अजमेर हाईवे पर एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसमें 8 लोग जिंदा जल गए और 35 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना सुबह करीब 5:44 बजे दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने हुई, जब एक एलपीजी गैस से भरे टैंकर में जोरदार धमाका हो गया। इस हादसे में 40 से अधिक गाड़ियां जलकर खाक हो गईं और 200 मीटर तक का इलाका आग के गोले में तब्दील हो गया।
कैसे हुआ हादसा?
एलपीजी गैस से भरा टैंकर अजमेर से जयपुर की ओर आ रहा था। सुबह के समय दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने से यह टैंकर यू-टर्न ले रहा था। इसी दौरान जयपुर से आ रहे एक तेज रफ्तार ट्रक ने टैंकर को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर के कारण टैंकर से गैस का रिसाव होने लगा। गैस ने तेजी से 200 मीटर के क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया और अचानक आग भड़क उठी।
आग की भीषणता और नुकसान
- आग इतनी भीषण थी कि आस-पास खड़ी गाड़ियां तुरंत जलने लगीं।
- घटना में 40 गाड़ियां जलकर खाक हो गईं, जिसमें एक बस भी पूरी तरह जल गई।
- टैंकर के पास खड़े 8 लोग जिंदा जल गए, जबकि 35 लोग गंभीर रूप से झुलस गए।
- आग बुझाने में दमकल कर्मियों को कई घंटे लग गए।
गलत कट बना हादसे का कारण
स्थानीय लोगों के अनुसार, हादसे की मुख्य वजह सड़क पर दिया गया गलत कट है। यह कट आए दिन दुर्घटनाओं का कारण बनता है। कुछ दिन पहले भी इसी स्थान पर एक गैस टैंकर हादसा हुआ था, लेकिन कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई। यदि पहले के हादसे से सबक लिया गया होता, तो शायद आज की घटना टल सकती थी।
स्थानीय प्रशासन की लापरवाही
घटनास्थल पर पहुंचे स्थानीय निवासियों और अधिकारियों ने इस दुर्घटना के लिए प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। लोगों का कहना है कि गलत कट की वजह से यह इलाका दुर्घटना-प्रवण बन गया है। उन्होंने इस कट को तुरंत बंद करने की मांग की है।
दमकल और बचाव कार्य
- घटना के तुरंत बाद दमकल विभाग और पुलिस मौके पर पहुंच गई।
- दमकल की कई गाड़ियों ने मिलकर आग पर काबू पाने की कोशिश की।
- घायलों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
प्रशासन का बयान
जयपुर पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों ने कहा कि घटना की जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई जाएगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि इस क्षेत्र में सड़क सुरक्षा के नियमों को सख्ती से लागू किया जाए।
स्थानीय लोगों में रोष
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा है। उनका कहना है कि बार-बार हादसे होने के बावजूद प्रशासन द्वारा ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। लोगों ने इस कट को जल्द से जल्द बंद करने की मांग की है।