भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आज रजत जयन्ती ऑडिटोरियम, धन्वंतरि मार्ग भोपाल में आयुर्वेद पर्व-2025, राष्ट्रीय सेमिनार और आरोग्य मेले का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में आयुर्वेद शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 11 नए आयुर्वेदिक कॉलेज खोले जाएंगे, जिससे प्रदेश में आयुर्वेदिक कॉलेजों की संख्या 56 से बढ़कर 67 हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयुर्वेद की परंपरा और उसकी वैज्ञानिक पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
आयुर्वेद की महत्ता और मुख्यमंत्री का संबोधन
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में आयुर्वेद के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद हजारों साल पुरानी चिकित्सा पद्धति है, जिसे अब पूरी दुनिया मान्यता दे रही है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आयुर्वेद को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के दौरान आयुर्वेद की काढ़े की प्रभावशीलता को लोगों ने महसूस किया, जो आयुर्वेद की प्रभावशीलता को साबित करता है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आयुर्वेद के प्रति समाज का दृष्टिकोण बदल चुका है और आज लोग इसे एक कारगर चिकित्सा पद्धति के रूप में स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आयुर्वेद में प्रयोगों और नुस्खों की कोई कमी नहीं है और यह हमेशा लोगों की मदद करता है।
आयुर्वेद और योग का महत्व
मुख्यमंत्री ने आयुर्वेद के साथ-साथ योग के महत्व पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद और योग दोनों ही जीवन में संतुलन और स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह कहा कि जीवन की हर समस्या का समाधान आयुर्वेद में मौजूद है, और यह पद्धति शरीर के हर अंग और प्रणाली के साथ सामंजस्य बनाए रखती है।
यूनानी चिकित्सा का भी हिंदी में पढ़ाई का ऐलान
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब यूनानी चिकित्सा को भी हिंदी में पढ़ाया जाएगा। इससे छात्रों को इस चिकित्सा पद्धति को समझने में और अधिक आसानी होगी। इसके अलावा, शिक्षा नीति 2020 के तहत, सभी प्रकार के कोर्स एक ही विश्वविद्यालय में पढ़ाए जा सकेंगे, जिससे छात्रों को और अधिक विकल्प मिलेंगे।
आयुष क्षेत्र में नई पहल
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आयुष क्षेत्र में नए अवसर पैदा करने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इसमें नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स को भी बढ़ावा दिया जाएगा और इन क्षेत्रों में अधिक छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा, आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए आयु सीमा में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए उपाय किए जाएंगे, और 62 से 65 आयुर्वेद चिकित्सकों को सरकारी कॉलेजों में काम करने का अवसर मिलेगा।
उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय वैदिक न्यायालय
मुख्यमंत्री ने उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय वैदिक न्यायालय के निर्माण की घोषणा की। यह न्यायालय वैदिक दृष्टिकोण और न्यायिक पद्धतियों को प्रमोट करेगा। इसके निर्माण में साधु संतों और आयुर्वेद को बढ़ावा देने वालों को भी भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयुर्वेद के प्रचारक
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आयुर्वेद का प्रचारक बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आयुर्वेद को वैश्विक मंच पर पहचाना और इसके लाभों को हर स्तर पर बढ़ावा दिया। उन्होंने यह भी बताया कि कोविड काल के दौरान आयुर्वेद के काढ़े की प्रभावशीलता ने लोगों को यह विश्वास दिलाया कि आयुर्वेद ही जीवन रक्षा का सही तरीका है।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने आयुर्वेद क्षेत्र के कर्मठ और निष्णात वैद्यों का सम्मान किया और मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित व्याख्याताओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार, विधायक भगवानदास सबनानी और पद्मश्री एवं पद्मभूषण से अलंकृत अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन ट्रस्ट, नई दिल्ली के अध्यक्ष वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा विशेष रूप से उपस्थित थे।