नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और गुजरात में पार्टी के सह-प्रभारी दुर्गेश पाठक के राजेंद्र नगर स्थित आवास पर गुरुवार को छापेमारी की। यह छापेमारी विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) से संबंधित एक मामले में की गई है। सीबीआई ने इस मामले में एक दिन पहले ही एफआईआर दर्ज की थी।
पिछले कुछ महीनों में यह पहली बार नहीं है जब दुर्गेश पाठक को जांच एजेंसियों का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें आबकारी घोटाला मामले में भी पूछताछ के लिए बुलाया था। अब सीबीआई की इस छापेमारी के बाद आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह कार्रवाई पार्टी के बढ़ते प्रभाव और खासतौर पर गुजरात में उसके मजबूत होने को लेकर की जा रही है।
दुर्गेश पाठक, जो कि गुजरात में पार्टी के सह-प्रभारी हैं, ने सीबीआई की छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमारे नेतृत्व ने मुझे गुजरात का सह-प्रभारी बनाया है और मुझे लगता है कि वहां हमारी बढ़ती ताकत को देखकर इस तरह की कार्रवाई की जा रही है। आज सुबह सीबीआई की एक टीम मेरे घर आई थी और घर का हर कोना खंगाला, लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने मुझे बताया नहीं कि वे किस मामले में जांच कर रहे थे और क्या ढूंढ रहे थे।”
पाठक ने यह भी कहा कि वह पूरी तरह से जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करेंगे और इस मामले में कोई संकोच नहीं करेंगे। उन्होंने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह सब राजनीति से प्रेरित है।
दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने दुर्गेश पाठक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा ने दावा किया है कि पाठक ने अपनी ही पार्टी के चंदे में गड़बड़ी की है। भाजपा के प्रवक्ता ने कहा कि दुर्गेश पाठक ने आप पार्टी के चंदे का गलत तरीके से उपयोग किया है और जांच एजेंसियों को अपना काम करने देना चाहिए। भाजपा ने यह भी कहा कि इस मामले में किसी को भी परेशानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि जांच एजेंसियां सही तरीके से काम कर रही हैं।
सीबीआई की इस कार्रवाई के बाद अब यह देखना होगा कि आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या इस मामले में और भी नए खुलासे होंगे।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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