July 12, 2025 10:50 PM

ISS पर फंसे Axiom-4 मिशन के अंतरिक्ष यात्री: शुभांशु शुक्ला की वापसी 14 जुलाई तक टली, तकनीकी और मौसम कारण

  • कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी अब कुछ और दिन धरती से दूर अंतरिक्ष में ही रहेंगे
  • Axiom-4 मिशन के चारों अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी पर वापसी अब अनिश्चितकाल के लिए टल गई

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजे गए Axiom-4 मिशन के चारों अंतरिक्ष यात्रियों की पृथ्वी पर वापसी अब अनिश्चितकाल के लिए टल गई है। इसमें शामिल मिशन पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी अब कुछ और दिन धरती से दूर अंतरिक्ष में ही रहेंगे। यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने बताया है कि मौसम की प्रतिकूलता और अंतरिक्ष स्टेशन में तकनीकी समस्याओं के कारण Axiom-4 क्रू की वापसी 14 जुलाई से पहले संभव नहीं है।

14 दिन का मिशन, अब बढ़ सकता है अंतरिक्ष प्रवास

Axiom-4 मिशन की शुरुआत 27 जून को हुई थी और इसकी वापसी 10 जुलाई को तय थी। लेकिन अब यह अंतरिक्ष प्रवास लंबा खिंच सकता है। अंतरिक्ष यान ‘ग्रेस’—जो SpaceX का ड्रैगन कैप्सूल है—के जरिए यह दल फ्लोरिडा के पास अटलांटिक महासागर या मैक्सिको की खाड़ी में सॉफ्ट स्प्लैशडाउन के जरिये लौटेगा। परंतु खराब मौसम के कारण यह प्रक्रिया फिलहाल सुरक्षित नहीं मानी जा रही है।

ISS में तकनीकी दिक्कत भी बनी रोड़ा

Axiom-4 मिशन की देरी सिर्फ मौसम नहीं, बल्कि ISS की तकनीकी दिक्कतों की वजह से भी हो रही है। स्टेशन के रूसी ज़व्ज़ेदा मॉड्यूल में हाल ही में हवा के रिसाव (pressure leak) की समस्या सामने आई थी। नासा और रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने मरम्मत की, लेकिन मरम्मत के बाद भी एक नया रिसाव संकेत मिला है, जिसकी जांच जारी है। चूंकि ISS एक बंद और सीमित वातावरण है, इसलिए किसी भी तरह की लीक सुरक्षा के लिहाज से गंभीर मानी जाती है।

ISRO की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं

भारत के अंतरिक्ष वैज्ञानिक शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष में मौजूदगी को लेकर देश में काफी उत्सुकता है। हालांकि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से अभी तक इस मामले में कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है। शुभांशु शुक्ला इस मिशन में मिशन पायलट की भूमिका निभा रहे हैं और यह उनका पहला अंतरिक्ष अभियान है।

सुनीता विलियम्स की याद दिला रहा है मिशन

यह घटना कहीं न कहीं अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की स्थिति की याद दिला रही है, जो 2006 में तकनीकी कारणों से ISS पर अपनी निर्धारित अवधि से ज्यादा समय तक फंसी रही थीं। अब शुभांशु शुक्ला और उनके साथियों को भी कुछ और दिन अंतरिक्ष में रहना पड़ सकता है।

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