• मौसम विभाग ने कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और मंडी जिलों में रेड अलर्ट तथा अन्य क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया
  • रामपुर उपमंडल की सरपारा पंचायत में सोमवार तड़के करीब 2 बजे बादल फटने की घटना हुई, जिससे भारी नुकसान हुआ

शिमला/धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। मौसम विभाग ने कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और मंडी जिलों में रेड अलर्ट तथा अन्य क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। रामपुर उपमंडल की सरपारा पंचायत में सोमवार तड़के करीब 2 बजे बादल फटने की घटना हुई, जिससे भारी नुकसान हुआ है। राजेंद्र कुमार का मकान और पूरा सामान मलबे में दब गया, वहीं विनोद कुमार की एक गाय और खूड, तथा गोपाल सिंह की भी गाय और खूड बह गए । प्रशासन मौके पर पहुंच चुका है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

भट्टाकुफर में जमींदोज हुआ पांच मंजिला मकान

शिमला के भट्टाकुफर क्षेत्र में सोमवार सुबह एक पांच मंजिला मकान ढह गया। यह मकान फोरलेन निर्माण के चलते खतरे में आ गया था। रविवार रात इसे खाली करवा लिया गया था, जिससे जनहानि नहीं हुई। स्थानीय लोगों का आरोप है कि गलत खोदाई के कारण पूरे क्षेत्र में कई मकानों को खतरा पैदा हो गया है।

विवि की परीक्षाएं स्थगित, स्कूल-आंगनबाड़ी बंद

मौसम की गंभीर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रभावित जिलों में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं। मनाली, बंजार, सिरमौर और कांगड़ा में भी सभी शैक्षणिक संस्थान आज बंद हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने 30 जून की सभी पीजी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।

सड़कें-जन्म परियोजनाएं ठप, उड़ानें रद्द

भारी बारिश से प्रदेश में तीन नेशनल हाईवे और 129 सड़कें बाधित रहीं। कांगड़ा, शिमला और कुल्लू एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं। 612 ट्रांसफार्मर ठप हो गए और 6 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुईं। कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे ट्रैक भी बाधित रहा, जिससे चार ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं।

शिमला में भूस्खलन से संकट, कई भवनों पर खतरा

शिमला के न्यू शिमला, कृष्णा नगर, संजौली आदि इलाकों में भूस्खलन से भवनों को खतरा है। बिजली बोर्ड के दफ्तर में भी दरारें आई हैं। शनिवार रात से जारी बारिश से छह मकानों और छह गाड़ियों को नुकसान हुआ है।

publive-image

जलसंकट गहराया, गुम्मा परियोजना ठप

शहर की सबसे बड़ी पेयजल परियोजना गिरि-गुम्मा में भारी मात्रा में गाद आने से पानी की आपूर्ति बंद है। गिरि, चूरट, कोटी बरांडी और चाबा परियोजनाओं से भी आंशिक या पूरी आपूर्ति ठप हो गई है। 1800 NTU तक गाद की मात्रा पहुंचने से जल शुद्धिकरण संभव नहीं है।

लगातार तीसरे दिन जल संकट, आज भी राहत की उम्मीद कम

शहर के संजौली, मल्याणा, नवबहार, भट्ठाकुफर, कैथू, भराड़ी, खलीनी, कनलोग जैसे क्षेत्रों में तीसरे दिन भी पानी नहीं आया। सोमवार को भी स्थिति सामान्य होने की संभावना कम है।