हादसे के मुख्य जिम्मेदारों पर शिकंजा, मालिक अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर
गोवा । गोवा के लोकप्रिय पर्यटन क्षेत्र में हुई भीषण आग की घटना, जिसमें 25 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी, अब तेज़ी से कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ रही है। इसी कड़ी में रोमियो लेन नाइट क्लब के मैनेजर भारत को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी गोवा पुलिस और दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में रविवार देर रात की गई। हादसे के बाद लगातार बढ़ते जनआक्रोश और सवालों के बीच, पुलिस ने क्लब के संचालन से जुड़े जिम्मेदार लोगों की तलाश तेज कर दी है। घटनास्थल की जांच और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस को लगातार यह संकेत मिल रहे थे कि हादसे के समय क्लब में सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी की गई थी। आग लगने के बाद वेंटिलेशन, इमरजेंसी एग्ज़िट और अग्निशमन उपकरणों की कमी के कारण कई लोग बाहर नहीं निकल सके, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ती चली गई।
दिल्ली में छिपा बैठा था मैनेजर भारत
घटना के बाद मैनेजर भारत ने गोवा छोड़कर सीधे दिल्ली में अपने घर में शरण ले ली थी, ताकि गिरफ्तारी से बच सके। लेकिन गोवा पुलिस ने उसके मोबाइल और संचार नेटवर्क के आधार पर उसकी लोकेशन का पता लगा लिया। इसके बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के साथ साझा ऑपरेशन करते हुए उसे उत्तरी दिल्ली के सब्जी मंडी इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, भारत गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था। भारत का न सिर्फ गोवा में, बल्कि दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में भी ‘रोमियो लेन’ नाम से एक रेस्तरां संचालित होता है। क्लब और रेस्तरां दोनों के संचालन में सुरक्षा और लाइसेंसिंग से जुड़े कई दस्तावेजों की जांच अब पुलिस कर रही है। यह भी जांच का विषय है कि क्लब में सिलेंडर कैसे रखा गया था और क्या आग लगने का कारण सिलेंडर ब्लास्ट ही था या फिर कोई अन्य तकनीकी या लापरवाही का मामला सामने आएगा।
मालिक सौरभ लूथरा अब भी फरार
इस त्रासदी का एक अहम पहलू यह भी है कि क्लब का मालिक सौरभ लूथरा अब तक पुलिस की पकड़ में नहीं आया है। मौके पर एकत्र किए गए साक्ष्यों में लूथरा की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है, क्योंकि क्लब के लाइसेंस, फायर NOC और आपातकालीन इंतजामों से जुड़े कई दस्तावेज सवालों के घेरे में हैं। पुलिस का मानना है कि यदि आवश्यक सुरक्षा इंतजाम समय पर किए गए होते, तो इतने बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान नहीं होता। सौरभ लूथरा के फरार रहने से जांच और भी गंभीर हो गई है। पुलिस ने उसके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश देना शुरू कर दी है, और उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किए जाने की संभावना भी जताई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि वह विदेश भागने की फिराक में भी था, इसलिए एयरपोर्ट्स को भी सतर्क कर दिया गया है।
पीड़ित परिवारों में आक्रोश बढ़ा, प्रशासन पर उठे सवाल
25 मौतों ने पूरे गोवा और देश को हिला दिया है। पीड़ित परिवारों का कहना है कि यह केवल हादसा नहीं, बल्कि स्पष्ट रूप से प्रशासनिक लापरवाही और क्लब प्रबंधन द्वारा सुरक्षा मानकों की अनदेखी का परिणाम है। मृतकों में युवा पर्यटक, स्थानीय कामगार और विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। कई परिवारों ने FIR में साफ लिखा है कि क्लब में एग्ज़िट दरवाजे जाम थे, और धुआं फैलते ही अफरा-तफरी मच गई, लेकिन बाहर निकलने का सुरक्षित रास्ता उपलब्ध नहीं था। गोवा पुलिस ने तकनीकी टीम और फॉरेंसिक विशेषज्ञों को फिर से घटनास्थल की विस्तृत जांच के लिए लगाया है। आग लगने के समय क्लब में आयोजित कार्यक्रम, भीड़ की संख्या, उपयोग किए गए गैस सिलेंडर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सभी की जांच हो रही है।
आने वाले दिनों में बड़ा एक्शन संभव
भारत की गिरफ्तारी के बाद उम्मीद है कि कई और महत्वपूर्ण खुलासे होंगे—क्लब के संचालन की जिम्मेदारी, लाइसेंसिंग प्रक्रिया, सुरक्षा मानकों के पालन और कर्मचारियों के प्रशिक्षण से जुड़े कई तथ्य सामने आ सकते हैं। वहीं पुलिस मालिक सौरभ लूथरा पर शिकंजा कसने के लिए तेज़ी से कार्रवाई बढ़ा रही है। यह घटना देश में नाइट लाइफ और क्लब सुरक्षा मानकों पर एक बार फिर गंभीर बहस छेड़ रही है। क्या इन क्लबों पर निगरानी कमजोर है? क्या बगैर अनुमति और सुरक्षा इंतजामों के ऐसे स्थल चल रहे हैं? क्या प्रशासन नियमित जांच करता भी है? आने वाले दिनों में यह सवाल और भी जोर पकड़ेंगे। इस त्रासदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू नहीं किया जाएगा, ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति को रोक पाना मुश्किल होगा।
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