उपशीर्षक: लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके की जांच में बड़ा खुलासा, दूसरी गाड़ी की तलाश तेज

नई दिल्ली। राजधानी के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर की शाम हुए भीषण धमाके की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुँचती दिख रही है। हाल में आई फॉरेंसिक रिपोर्ट ने पुष्टि कर दी है कि विस्फोट के समय कार में मौजूद व्यक्ति कोई और नहीं, बल्कि कश्मीर निवासी डॉ. उमर उन नबी था। उसकी माँ के डीएनए से मिले नमूनों के मिलान ने इस तथ्य को पुष्ट कर दिया है। धमाके के बाद घटनास्थल से बरामद अवशेषों—दांत, हड्डियां, खून से सना कपड़े का टुकड़ा, तथा पैर का हिस्सा—सभी ने स्पष्ट कर दिया कि विस्फोट के दौरान कार का चालक वही था। धमाका शाम करीब छह बजकर इक्यावन मिनट पर हुआ, जब मेट्रो स्टेशन के सामने लगे सिग्नल पर खड़ी लगभग बीस गाड़ियों ने हरी बत्ती मिलते ही आगे बढ़ना शुरू किया। इसी क्षण चलती हुई i20 कार में तेज़ धमाका हुआ। धमाका इतना जबर्दस्त था कि कार के अगले हिस्से में आग की ऊँची लपटें उठ पड़ीं और आसपास की कई गाड़ियों के हिस्से उड़ गए। मौके पर चीख-पुकार मच गई और धुएँ से पूरा क्षेत्र कुछ देर के लिए अँधेरे में डूब गया। फॉरेंसिक टीम को दो दिन बाद घटनास्थल से लगभग तीन सौ मीटर दूर एक कटा हुआ हाथ भी मिला, जो न्यू लाजपत नगर मार्केट की एक दुकान के शेड पर पड़ा था। इस हाथ को भी प्रयोगशाला में भेजा गया, जहाँ यह स्पष्ट हुआ कि यह भी उमर का ही है। इससे यह लगभग निश्चित हो गया कि कार में कोई अन्य व्यक्ति मौजूद नहीं था और विस्फोट की पूरी जिम्मेदारी इसी व्यक्ति पर केंद्रित होती जा रही है।


 घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया

जांच एजेंसियों को इस विस्फोट का एक बेहद स्पष्ट और नज़दीक से लिया गया दस सेकेंड का सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें पूरी घटना का क्रम नजर आता है। फुटेज में देखा जा सकता है कि सिग्नल पर खड़ी सभी गाड़ियों में सामान्य गतिविधि हो रही थी। जैसे ही सिग्नल हरा होता है और गाड़ियाँ बढ़ती हैं, अचानक i20 में जोरदार धमाका होता है। अगल-बगल चल रही कई गाड़ियाँ इसकी चपेट में आ गईं और आसपास के लोग डरकर भागने लगे। यह फुटेज अब जांच की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा है।


 ब्लास्ट में अब तक तेरह लोगों की मौत


इस विस्फोट में अब तक तेरह लोगों की जान जा चुकी है। गुरुवार सुबह एक घायल व्यक्ति ने भी उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। कई घायलों का अभी भी अलग-अलग अस्पतालों में इलाज जारी है। घायलों में कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को बड़े स्तर पर सतर्क कर दिया है और राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।


 दूसरी संदिग्ध गाड़ी की तलाश


दिल्ली पुलिस ने पहले ही आशंका जताई थी कि इस सामूहिक साजिश में आतंकियों ने एक नहीं, बल्कि दो गाड़ियों का इस्तेमाल किया था। इसी आधार पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अलर्ट जारी कर दिया गया था। जांच में सामने आया कि आतंकियों द्वारा इस्तेमाल की गई दूसरी गाड़ी सिल्वर रंग की ब्रेज़ा थी, जिसका उपयोग लॉजिस्टिक सपोर्ट के लिए किया गया हो सकता है। अलर्ट जारी होने के कुछ ही घंटे बाद हरियाणा के खंदावली गांव में एक लावारिस गाड़ी मिलने की सूचना स्थानीय पुलिस तक पहुँची। इस पर तुरंत राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की बम निरोधक टीम को मौके पर भेजा गया। टीम ने गाड़ी की बारीकी से जांच शुरू कर दी है, हालांकि अभी तक गाड़ी को पूरी तरह खोला नहीं गया है। सोर्स के अनुसार जिस स्थान पर यह गाड़ी मिली, वह उमर के ड्राइवर की बहन का घर है। इससे यह अंदेशा और मजबूत हो गया है कि यह गाड़ी भी इस नेटवर्क का हिस्सा थी और इसे साजिश को अंजाम देने के बाद वहीं छोड़ दिया गया था। टीम द्वारा गाड़ी की नंबर प्लेट, इंजन चेसिस और अंदर मौजूद सामान से अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।


 जांच का दायरा बढ़ा, कई राज्यों में छापेमारी


जांच एजेंसियों ने अब इस मामले को बहुस्तरीय साजिश मानते हुए कई राज्यों में छापेमारी तेज कर दी है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि डॉ. उमर अकेले काम कर रहा था या उसके पीछे कोई संगठित मॉड्यूल सक्रिय है। कश्मीर में भी उसके परिवार और संपर्कों की जांच की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियाँ विशेष रूप से इस बात पर ध्यान दे रही हैं कि विस्फोटक सामग्री कहाँ तैयार की गई और कार तक कैसे पहुँची। विशेषज्ञों का मानना है कि धमाके में अत्यधिक शक्तिशाली विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर नुकसान पहुँचाना था। यदि कार सिग्नल पर खड़ी रहती और आसपास भीड़ अधिक होती, तो जान-माल का नुकसान और भी भयावह हो सकता था।


 राजधानी में सुरक्षा कड़ी, पुलिस की स्क्रीनिंग बढ़ी


घटना के बाद राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक कड़ा कर दिया गया है। संवेदनशील इलाकों में बैरिकेडिंग, वाहनों की चेकिंग और गश्ती बढ़ा दी गई है। मेट्रो स्टेशनों, बाजारों, ऐतिहासिक स्थलों और सरकारी दफ्तरों पर अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस जनता से भी अपील कर रही है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या छोड़े हुए वाहन की सूचना तुरंत पुलिस को दें। घटना के बाद मिले सीसीटीवी फुटेज ने यह संकेत भी दिया है कि साजिश के कई पहलुओं का खुलासा अभी होना बाकी है। इस बीच, जांच एजेंसियों का जोर इस बात पर है कि सिल्वर ब्रेज़ा गाड़ी की भूमिका क्या थी और यह किसके निर्देश पर इस्तेमाल की गई। इस गाड़ी से मिलेंगे सुराग ही इस पूरे मॉड्यूल का असली चेहरा सामने लाने में मदद करेंगे।