दिल्ली ब्लास्ट साजिश का खुलासा: 200 बमों से 26/11 जैसा हमला करने की तैयारी, तीन शहर थे निशाने पर
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में लाल किला के पास हुए धमाके की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को बड़े और चिंताजनक खुलासे हाथ लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस आतंकी मॉड्यूल की साजिश 200 बमों (IEDs) के ज़रिए 26/11 जैसे हमले को अंजाम देने की थी। आतंकी दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद को एक साथ निशाना बनाने की तैयारी कर रहे थे। उनका उद्देश्य देश के बड़े धार्मिक स्थलों और भीड़भाड़ वाले इलाकों को दहशत के केंद्र में लाना था।
पीएम मोदी भूटान से लौटते ही पहुंचे अस्पताल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार दोपहर भूटान दौरे से लौटते ही सीधे लोक नायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल पहुंचकर धमाके में घायल लोगों से मुलाकात की। वे दोपहर लगभग 2 बजे एयरपोर्ट से सीधे अस्पताल गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें घायलों की स्थिति की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने घायलों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना और चिकित्सकों से कहा कि हर घायल का बेहतर और त्वरित इलाज सुनिश्चित किया जाए।
200 बमों से 26/11 जैसी तबाही की साजिश
जांच एजेंसियों को मिली जानकारी के अनुसार, आतंकियों का नेटवर्क पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) संगठन से जुड़ा हुआ था। सूत्रों के अनुसार, यह साजिश जनवरी से ही तैयार की जा रही थी, जिसमें आतंकी देश के कई हिस्सों में छोटे मॉड्यूल बनाकर विस्फोटक सामग्री जमा कर रहे थे। उनका मकसद था – एक साथ कई शहरों में विस्फोट कर दहशत फैलाना। दिल्ली में लाल किला, इंडिया गेट, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब और गौरी शंकर मंदिर जैसे प्रमुख स्थलों को टारगेट लिस्ट में शामिल किया गया था। इसके अलावा, देशभर के रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों और बड़े मॉल्स को भी निशाना बनाया जाना था।
कश्मीर के डॉक्टर बने आतंकियों की ढाल
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस मॉड्यूल ने कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और अनंतनाग के कुछ डॉक्टरों को अपने नेटवर्क में शामिल किया था। ये डॉक्टर आतंकियों की मदद इसलिए कर रहे थे ताकि वे बिना संदेह के देश के विभिन्न हिस्सों में आसानी से आवाजाही कर सकें। जांच एजेंसियों के अनुसार, इन डॉक्टरों को आतंकियों ने धार्मिक कर्तव्य और मानव सेवा के नाम पर गुमराह किया, जबकि असल उद्देश्य आतंकी साजिश को अंजाम देना था।
देशभर में बढ़ाई गई सुरक्षा, दिल्ली में हाई अलर्ट
धमाके और साजिश के खुलासे के बाद देशभर की सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट मोड पर हैं। दिल्ली पुलिस, एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) ने मिलकर दिल्ली-एनसीआर के 150 से अधिक संवेदनशील स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। मुख्य सरकारी भवनों, संसद परिसर, राजघाट, धार्मिक स्थलों और मेट्रो नेटवर्क पर विशेष गश्त बढ़ाई गई है।
आतंकी मॉड्यूल की जांच तेज
एनआईए और स्पेशल सेल ने दिल्ली धमाके से जुड़े कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। अब जांच टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि 200 बमों की साजिश में किन-किन लोगों की भूमिका थी, और क्या इसका संबंध हाल ही में जम्मू-कश्मीर में सक्रिय किसी नए आतंकी ग्रुप से है। सूत्रों का कहना है कि आतंकी धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर हमला कर देश में सांप्रदायिक तनाव फैलाना चाहते थे। उनका उद्देश्य सिर्फ जनहानि नहीं, बल्कि देश की एकता और शांति को तोड़ना था।
पीएम मोदी ने कहा – आतंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी
प्रधानमंत्री मोदी ने अस्पताल में घायलों से मुलाकात के बाद कहा कि सरकार आतंक के खिलाफ “ज़ीरो टॉलरेंस नीति” पर कायम है। उन्होंने कहा — “आतंकी चाहे जहां छिपे हों, उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। देश की सुरक्षा से समझौता नहीं किया जाएगा।”
जांच एजेंसियों का संयुक्त ऑपरेशन जारी
इस हमले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आतंकियों के खिलाफ एक संयुक्त राष्ट्र-स्तरीय ऑपरेशन चलाया जा रहा है। एनआईए, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, इंटेलिजेंस ब्यूरो और मिलिट्री इंटेलिजेंस मिलकर इस नेटवर्क को खत्म करने में जुटे हैं। फिलहाल दिल्ली और आसपास के राज्यों — हरियाणा, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में छापेमारी की जा रही है।
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