बजट, दस्तावेज़ और ट्रैफिक नियम—सब पर असर डालने वाले बदलाव, आम लोगों को जानना ज़रूरी

नई दिल्ली : हर महीने की पहली तारीख कई नियमों और नीतियों में बदलाव लेकर आती है। 1 दिसंबर से भी देश में कई ऐसे बदलाव लागू हुए हैं, जिनका सीधा असर आम उपभोक्ताओं, कर्मचारियों, वाहन चालकों और बैंक ग्राहकों पर पड़ेगा। नए नियमों और दामों की जानकारी न होने पर लोगों को परेशानी, अतिरिक्त शुल्क या अनावश्यक जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। ऐसे में ये समझना बेहद ज़रूरी है कि आज से क्या-क्या बदल गया है और इसका आपके रोजमर्रा के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

 एलपीजी गैस सिलेंडर: कमर्शियल सिलेंडर 10 रुपये सस्ता, घरेलू कीमतें जस की तस

हर महीने की शुरुआत में तेल कंपनियां एलपीजी सिलेंडरों की कीमतों की समीक्षा करती हैं। 1 दिसंबर से 19 किलो वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत 10 रुपये कम कर दी गई है। यह राहत होटल, ढाबे और छोटे व्यापारियों के लिए उपयोगी रहेगी। हालांकि, घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, यानी रसोई गैस का खर्च पहले जैसा ही रहेगा।

 आधार अपडेट के नियम हुए आसान, अब ऑनलाइन नाम-पता-सब अपडेट 

1 दिसंबर से आधार कार्ड अपडेट को लेकर बड़ा बदलाव लागू हो गया है।  अब आप नाम, पता, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर जैसी व्यक्तिगत जानकारी को ऑनलाइन ही अपडेट कर सकते हैं। पहचान सत्यापन के लिए पैन कार्ड, पासपोर्ट या किसी अन्य सरकारी दस्तावेज़ का उपयोग किया जा सकेगा। इसके साथ ही हाल ही में नया आधार संस्करण भी जारी किया गया है, जो सुरक्षा और पहचान सत्यापन को और भी मजबूत बनाता है। 

 ट्रैफिक नियमों में बदलाव: ऑनलाइन चालान पर अतिरिक्त शुल्क, PUC न होने पर भारी जुर्माना  

कई राज्यों ने आज से ट्रैफिक नियमों में नई व्यवस्थाएं लागू कर दी हैं। 
* ऑनलाइन चालान भरने पर अब अतिरिक्त प्रोसेसिंग फीस देनी पड़ सकती है।
* बिना PUC प्रमाण पत्र वाले वाहनों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
  इन बदलावों का सीधा असर वाहन मालिकों की जेब और सड़कों पर अनुशासन पर पड़ेगा।

 SBI ने बंद की M-Cash सेवा, अब अन्य डिजिटल विकल्प अपनाएं

देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने 1 दिसंबर से अपनी M-Cash सेवा बंद कर दी है। 30 नवंबर 2025 के बाद इस सुविधा के जरिए पैसे भेजने और क्लेम करने का विकल्प उपलब्ध नहीं होगा। SBI ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे डिजिटल लेन-देन के लिए UPI, IMPS, NEFT और RTGS का उपयोग करें, जो अधिक सुरक्षित और तेज़ माने जाते हैं। इन सभी बदलावों का लागू होना आने वाले दिनों में आम उपभोक्ता और कर्मचारियों के व्यवहार और बजट पर असर डाल सकता है। इनमें से कई नियम तकनीकी और वित्तीय सुरक्षा के लिहाज से फायदेमंद हैं, लेकिन कुछ बदलावों के कारण अतिरिक्त लागत भी उठानी पड़ सकती है।