11 में से सभी एग्जिट पोल्स में एनडीए को 130 से अधिक सीटों का अनुमान, महागठबंधन की सीटें घटीं; भाजपा-जदयू गठबंधन की फिर वापसी तय

नई दिल्ली, 11 नवंबर।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025(Bihar Election 2025) के दोनों चरणों के मतदान के बाद आए एग्जिट पोल नतीजों ने एक बार फिर राज्य की सियासत में बड़ा संदेश दे दिया है। तमाम एग्जिट पोल एजेंसियों ने भविष्यवाणी की है कि इस बार बिहार में फिर से राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की सरकार बनने जा रही है। ज्यादातर सर्वेक्षणों में भाजपा-जदयू गठबंधन को पूर्ण बहुमत से भी आगे जाते हुए दिखाया गया है, जबकि महागठबंधन को भारी नुकसान की आशंका जताई गई है।

राज्य की कुल 243 सीटों में से बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है। लगभग सभी एग्जिट पोल्स ने एनडीए को 130 से लेकर 200 से अधिक सीटें तक मिलते हुए दिखाया है। इसका मतलब है कि नीतीश कुमार और भाजपा की जोड़ी एक बार फिर सत्ता में वापसी कर सकती है।

महागठबंधन के लिए बड़ा झटका, सीटें 19 से 37 तक घट सकती हैं

2020 के चुनाव में महागठबंधन को कुल 110 सीटें मिली थीं। इस बार के एग्जिट पोल्स बता रहे हैं कि उन्हें 73 से 91 सीटों तक सिमटना पड़ सकता है। सबसे अधिक नुकसान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को होता दिख रहा है, जिसे 2020 में 75 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार 12 से 24 सीटें घटने का अनुमान है।
कांग्रेस की स्थिति भी बहुत खराब बताई जा रही है। 59 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस केवल 12 से 15 सीटों पर ही लड़ाई में दिख रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 19 सीटें मिली थीं, यानी इस बार उसके प्रदर्शन में और गिरावट की संभावना है।

राजग के लिए उत्साहजनक संकेत: भाजपा-जदयू गठबंधन को स्पष्ट बढ़त

एग्जिट पोल्स (Exit Polls) के मुताबिक, इस बार बिहार में भाजपा और जदयू गठबंधन मजबूती के साथ वापसी कर सकता है। भाजपा ने इस चुनाव में ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के साथ गठबंधन को स्थिरता का फायदा मिल सकता है।
एनडीए के अन्य घटक—विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम)—को भी कुछ सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।

एग्जिट पोल्स के आंकड़ों में राजग की मजबूत बढ़त
एजेंसी का नाम    राजग (एनडीए)    महागठबंधन    अन्य
मैट्रीज-आईएएनएस    147–167    70–90    2–6
पीपल्स पल्स    133–159    75–101    2–13
जेवीसी पोल    135–150    88–103    3–7
पीपल्स इनसाइट    133–148    87–102    3–8
चाणक्य स्ट्रैटजीज    130–138    100–108    3–5
पोलस्ट्रैट    133–148    87–102    3–5
पोल डायरी    184–209    32–49    1–5
प्रजा पोल एनालिटिक्स    186    50    0–7
टीआईएफ रिसर्च    145–163    76–95    3–6
पी-मार्क    142–162    80–98    1–7
डीवी रिसर्च    137–152    83–98    3–12

इन 11 सर्वेक्षणों में सभी ने एनडीए को 130 से अधिक सीटें दी हैं, जो बहुमत से काफी आगे है। वहीं, किसी भी पोल में महागठबंधन को बहुमत के करीब भी नहीं दिखाया गया।

राजनीतिक समीकरण बदले, लेकिन जनता का भरोसा एनडीए पर

इस चुनाव में बिहार की राजनीति में नए समीकरण बने थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू, भाजपा के साथ मिलकर मैदान में थी। वहीं, महागठबंधन की अगुवाई तेजस्वी यादव की राजद कर रही थी, जिसमें कांग्रेस और वाम दल शामिल थे।
राजग ने विकास और सुशासन के मुद्दे को चुनावी एजेंडा बनाया, जबकि महागठबंधन ने बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बताया। हालांकि, एग्जिट पोल्स से लगता है कि जनता ने एक बार फिर स्थिरता और अनुभव को प्राथमिकता दी है।

मतदान प्रतिशत और जनभावना

इस बार मतदान में पिछली बार की तुलना में लगभग 6% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह बताता है कि जनता ने इस चुनाव में बढ़-चढ़कर भागीदारी की। विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ा हुआ मतदान एनडीए के पक्ष में गया है। ग्रामीण इलाकों में महिलाओं की भागीदारी भी इस बार अधिक रही है, जो नीतीश कुमार की योजनाओं का परिणाम मानी जा रही है।

राजनीतिक हलकों में उत्सुकता चरम पर

एग्जिट पोल्स के ये परिणाम बिहार की राजनीतिक जमीन पर बड़ा संदेश दे रहे हैं। अगर ये अनुमान वास्तविक नतीजों में भी दोहराए गए तो यह नीतीश कुमार और भाजपा दोनों के लिए ऐतिहासिक वापसी साबित होगी। वहीं, तेजस्वी यादव की महागठबंधन राजनीति को गहरा झटका लग सकता है।
अब सबकी निगाहें 14 नवंबर को आने वाले वास्तविक नतीजों पर टिकी हैं।

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