नई दिल्ली। विद्यार्थियों के परीक्षा से जुड़े तनाव को उत्सव के माहौल में बदलने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रमुख पहल ‘परीक्षा पे चर्चा’ (पीपीसी) ने एक नई ऊंचाई छू ली है। इस पहल के आठवें संस्करण के लिए अब तक 2.79 करोड़ से अधिक विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों ने पंजीकरण कराया है। यह आंकड़ा न केवल इस कार्यक्रम की अभूतपूर्व सफलता को दर्शाता है, बल्कि इसे एक राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन का रूप भी देता है।
पंजीकरण प्रक्रिया जोरों पर
शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में बताया कि पीपीसी-2025 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 14 दिसंबर 2024 को शुरू हुई थी और 14 जनवरी 2025 तक जारी रहेगी। यह ऑनलाइन पंजीकरण ‘माईगॉव’ पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। हर साल आयोजित होने वाला यह कार्यक्रम छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है और इस बार पंजीकरण संख्या ने पिछले साल के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है।
2024 में आयोजित सातवें संस्करण में लगभग 2.26 करोड़ पंजीकरण हुए थे। इस वर्ष, पंजीकरण संख्या में 23% की वृद्धि हुई है, जो छात्रों और उनके अभिभावकों में इस पहल के प्रति बढ़ते विश्वास और उत्साह को दर्शाती है।
परीक्षा से जुड़े तनाव को उत्सव में बदलने की कोशिश
पीपीसी का उद्देश्य विद्यार्थियों के परीक्षा से जुड़े तनाव को कम करना और इसे एक उत्सव में बदलना है। यह इंटरैक्टिव कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आयोजित किया जाता है, जिसमें वे सीधे विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद करते हैं। वे उन्हें परीक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने, मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार:
- यह कार्यक्रम न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी रहने वाले भारतीय विद्यार्थियों, शिक्षकों और अभिभावकों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है।
- यह एक ऐसा मंच बन गया है, जहां विभिन्न हितधारक शिक्षा और परीक्षा से संबंधित अपनी चिंताओं और सुझावों को साझा कर सकते हैं।
पीपीसी के आयोजन का स्वरूप
पिछले साल, पीपीसी का 7वां संस्करण दिल्ली के प्रतिष्ठित ‘भारत मंडपम’ में टाउन हॉल प्रारूप में आयोजित किया गया था। इस दौरान छात्रों ने प्रधानमंत्री से सीधे सवाल पूछे और उन्होंने सहजता और प्रेरणादायक उत्तरों के माध्यम से उन्हें मार्गदर्शन दिया।
2025 में होने वाले आठवें संस्करण के लिए भी कार्यक्रम को बड़े स्तर पर आयोजित करने की योजना है। यह कार्यक्रम न केवल परीक्षा के दौरान तनाव प्रबंधन में मदद करता है, बल्कि छात्रों के आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है।
जन आंदोलन में बदला कार्यक्रम
पीपीसी-2025 ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा दी है। 2.79 करोड़ पंजीकरण के साथ, यह न केवल एक वार्षिक कार्यक्रम है, बल्कि एक जन आंदोलन बन गया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, यह पहल छात्रों और अभिभावकों को परीक्षा को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और इसे एक उत्सव के रूप में मनाने के लिए प्रेरित कर रही है।
शिक्षा मंत्रालय ने कहा, “यह कार्यक्रम छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देता है और उनकी शिक्षा यात्रा में सकारात्मक ऊर्जा लाता है। पीपीसी एक बहुप्रतीक्षित उत्सव बन गया है, जो शिक्षा की महत्ता को रेखांकित करता है।”
इस अभूतपूर्व प्रतिक्रिया ने साबित कर दिया है कि ‘परीक्षा पे चर्चा’ केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव की एक मजबूत पहल है।