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January 15, 2025 3:56 AM

भा.ज.पा. के जिलाध्यक्षों की पहली सूची आज हो सकती है जारी, प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कई दावेदार सक्रिय

"मध्यप्रदेश BJP प्रदेश अध्यक्ष चुनाव: जिलाध्यक्षों की पहली सूची, दावेदारों की जंग और जातिगत समीकरण"

भोपाल: भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने मध्यप्रदेश में जिलाध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है, और अब पहली सूची में 30 से अधिक जिलों के अध्यक्षों की घोषणा होने की संभावना है। यह सूची आज या कल में जारी की जा सकती है। इसके तुरंत बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। मध्यप्रदेश में भा.ज.पा. का नया प्रदेश अध्यक्ष 15 जनवरी तक तय हो जाएगा।

प्रदेश अध्यक्ष के लिए दावेदारों का तांता

प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी में दावेदारों की संख्या बढ़ रही है। प्रदेश अध्यक्ष की दावेदारी के लिए लगभग एक दर्जन नेता सक्रिय हैं, जो विभिन्न जाति और वर्गों से आते हैं। जातिगत समीकरण, क्षेत्रीय संतुलन और संगठन की स्थिति के आधार पर चुनाव प्रक्रिया में अलग-अलग दावेदार आगे हैं।

  1. वीडी शर्मा का तीसरा कार्यकाल: वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा तीसरे कार्यकाल के लिए प्रयासरत हैं। उनका कार्यकाल लगभग 4 साल 10 महीने का हो चुका है, और उन्हें एक बार फिर से कार्यकाल बढ़ाया गया था। पार्टी के भीतर यह चर्चा है कि वे तीसरी बार प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए जोर लगा रहे हैं।
  2. ब्राह्मण वर्ग के दावेदार: ब्राह्मण वर्ग से नरोत्तम मिश्रा, राजेंद्र शुक्ल और अर्चना चिटनीस प्रदेश अध्यक्ष बनने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। ये नेता जातिगत समीकरण के तहत पार्टी में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए सक्रिय हैं।
  3. क्षत्रिय वर्ग के दावेदार: क्षत्रिय वर्ग से अरविंद भदौरिया, बृजेंद्र प्रताप सिंह और सीमा सिंह जादौन भी प्रदेश अध्यक्ष बनने के दावेदार हैं। ये नेता पार्टी में क्षत्रिय वर्ग का प्रभाव बढ़ाने के लिए लगातार सक्रिय हैं।
  4. अन्य वर्गों के दावेदार: वैश्य वर्ग से हेमंत खंडेलवाल, सिंधी समाज से भगवानदास सबनानी और दलित-आदिवासी वर्ग से कई दिग्गज नेता भी प्रदेश अध्यक्ष बनने के इच्छुक हैं। आदिवासी वर्ग के नेताओं में मंडला सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी, और शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह का नाम प्रमुख रूप से लिया जा रहा है। हिमाद्री सिंह सबसे कम उम्र की नेता हैं, जो इस रेस में शामिल हैं।

भा.ज.पा. के प्रदेश अध्यक्ष का जातिगत समीकरण

राज्य में भाजपा ने सत्ता और संगठन के बीच जातिगत समीकरण को साधने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं, और उन्हें ओबीसी वर्ग के नेता शिवराज सिंह चौहान की जगह मुख्यमंत्री बनाया गया है। उपमुख्यमंत्री के रूप में ब्राह्मण वर्ग से राजेंद्र शुक्ल और अनुसूचित जाति वर्ग से जगदीश देवड़ा को जगह दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर क्षत्रिय समाज से आते हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल में फग्गन सिंह कुलस्ते की जगह आदिवासी सांसदों दुर्गादास उईके और सावित्री ठाकुर को राज्यमंत्री बनाया गया है। इस स्थिति में यह संभावना जताई जा रही है कि प्रदेश अध्यक्ष का अगला चुनाव सामान्य वर्ग से किया जा सकता है, खासकर यदि आदिवासी वर्ग को प्राथमिकता दी जाती है।

प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की नियुक्ति

प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को मध्यप्रदेश का भाजपा चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है। वे प्रदेश के 50 प्रतिशत जिलाध्यक्षों की घोषणा के बाद भोपाल आएंगे, और उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को लेकर कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।

प्रदेश परिषद के सदस्य चयन की प्रक्रिया

प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए प्रदेश परिषद के सदस्यों की राय ली जाएगी। हर जिले में दो विधानसभाओं का एक क्लस्टर बनाया जाएगा, जिसमें प्रदेश परिषद के सदस्य के रूप में महिला, एससी-एसटी वर्ग के नेताओं को शामिल किया जाएगा। यह प्रक्रिया प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव तक जारी रहेगी, और जिन जिलों में जिलाध्यक्ष घोषित हो चुके हैं, वे भी इस चुनाव में भाग लेंगे।

इस चुनाव के बाद मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पद बहुत महत्वपूर्ण हो जाएगा, जो कि आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की दिशा और रणनीति तय करने में अहम भूमिका निभाएगा।

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