दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर इस बार चुनाव सिंगल फेज में होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने मंगलवार को जानकारी दी कि मतदान 5 फरवरी को होगा और नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। इस बार चुनाव प्रक्रिया, तारीखों की घोषणा से लेकर नतीजों तक, कुल 33 दिनों में पूरी होगी। पिछले चुनावों की तुलना में इस बार चुनाव और नतीजों की तारीखें एक सप्ताह पहले तय की गई हैं।
डेढ़ करोड़ वोटरों के लिए खास इंतजाम
चुनाव आयोग ने दिल्ली के डेढ़ करोड़ मतदाताओं के लिए 33,000 पोलिंग बूथ बनाए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं कि हर मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग आसानी से कर सके।
चुनावी प्रक्रिया पर CEC का जोर
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने डेढ़ घंटे लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ 10 मिनट दिल्ली चुनाव के बारे में बात की। बाकी समय उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM), वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और खास वर्ग के वोटर्स के नाम हटाने जैसे मुद्दों पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देने में बिताया।
राजीव कुमार ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाना एक गलत प्रवृत्ति है, जो खासकर युवा मतदाताओं पर नकारात्मक असर डालता है। उन्होंने यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी EVM पर उठाए गए सवालों को पहले ही खारिज कर दिया है।
चुनाव आयोग का संकल्प
राजीव कुमार ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का उद्देश्य निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराना है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस बार भी यह प्रक्रिया बिना किसी बाधा के संपन्न होगी।
दिल्ली चुनाव से जुड़ी इन तैयारियों और मुद्दों ने राजधानी के राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। सभी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, और दिल्ली के मतदाता अब आगामी चुनाव का इंतजार कर रहे हैं।