भारत ने रचा इतिहास: 47 साल बाद पहली बार महिला वनडे विश्व कप जीता, दक्षिण अफ्रीका को हराया

नई मुंबई, 02 नवंबर (हि.स.)।
भारतीय महिला क्रिकेट ने 47 वर्षों के लंबे इंतजार को समाप्त करते हुए इतिहास रच दिया। रविवार को नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेले गए फाइनल मुकाबले में हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार महिला वनडे विश्व कप का खिताब अपने नाम किया। यह जीत न केवल एक ट्रॉफी थी, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत भी बन गई।

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शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा की शानदार बल्लेबाजी से भारत का मजबूत स्कोर

टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत बेहद शानदार रही। युवा सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने एक बार फिर अपने दमदार खेल का परिचय दिया। उन्होंने 78 गेंदों पर 87 रन की लाजवाब पारी खेली, जिसमें सात चौके और दो छक्के शामिल थे। उनके साथ स्मृति मंधाना ने 45 रन का योगदान दिया। दोनों ने पहले विकेट के लिए 106 रन की साझेदारी कर टीम को ठोस शुरुआत दी।

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इसके बाद जेमिमा रोड्रिग्स (24 रन) और दीप्ति शर्मा (58 रन) ने साझेदारी निभाकर भारत की पारी को गति दी। आखिरी ओवरों में रिचा घोष ने मात्र 24 गेंदों में 34 रन की तेजतर्रार पारी खेली और भारत को 50 ओवर में 7 विकेट पर 298 रन के बड़े स्कोर तक पहुंचाया।

दक्षिण अफ्रीका की ओर से आयोबोंगा खाका सबसे सफल गेंदबाज रहीं। उन्होंने 10 ओवर में 58 रन देकर तीन विकेट झटके।

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दक्षिण अफ्रीका की पारी लड़खड़ाई, दीप्ति की घातक गेंदबाजी ने पलटा मैच का रुख

299 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीकी टीम की शुरुआत निराशाजनक रही। शुरुआती ओवरों में ही भारतीय गेंदबाजों ने दबाव बना लिया। हालांकि कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट ने संघर्षपूर्ण बल्लेबाजी करते हुए 98 गेंदों पर 101 रन की पारी खेली, लेकिन दूसरे छोर से लगातार विकेट गिरते रहे।

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दीप्ति शर्मा ने अपने शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन को जारी रखते हुए 5 विकेट झटके। उन्होंने महत्वपूर्ण समय पर लौरा, कप्र, और स्ने म्बाना जैसे बल्लेबाजों को पवेलियन भेजकर अफ्रीकी पारी की कमर तोड़ दी। शेफाली वर्मा ने भी गेंद से दो विकेट लेकर अपना ऑलराउंड प्रदर्शन पूरा किया। दक्षिण अफ्रीकी टीम 45.3 ओवर में 246 रन पर सिमट गई, और भारत ने मुकाबला 52 रन से जीत लिया।

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दीप्ति बनीं टूर्नामेंट की हीरो, शेफाली ने रचा नया रिकॉर्ड

दीप्ति शर्मा ने इस वर्ल्ड कप में 22 विकेट चटकाए, जिससे वे टूर्नामेंट की टॉप विकेट टेकर बनीं। उन्होंने बल्ले से भी 215 रन बनाए और "प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट" का पुरस्कार अपने नाम किया। उन्होंने वर्ल्ड कप इतिहास में पहली महिला खिलाड़ी बनने का गौरव पाया, जिसने एक ही टूर्नामेंट में 200 से अधिक रन और 20 से अधिक विकेट लिए।

वहीं शेफाली वर्मा ने फाइनल में 87 रन बनाकर भारत की ओर से वर्ल्ड कप फाइनल में सबसे बड़ी पारी खेलने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इससे पहले यह रिकॉर्ड 2017 में पूनम राउत के नाम था, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 86 रन बनाए थे।

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भारत ने फाइनल में रचा नया इतिहास, दूसरा सबसे बड़ा स्कोर बनाया

भारत ने इस फाइनल में 298 रन बनाकर विमेंस वर्ल्ड कप फाइनल में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर खड़ा किया। इससे पहले 2022 में इंग्लैंड के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया ने 356 रन का रिकॉर्ड स्कोर बनाया था। भारतीय बल्लेबाजों का यह सामूहिक प्रदर्शन दर्शाता है कि टीम कितनी संतुलित और आत्मविश्वासी हो चुकी है।

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स्मृति मंधाना बनीं टूर्नामेंट की दूसरी सर्वाधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी

स्मृति मंधाना ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए 9 मैचों में 434 रन बनाए। वे इस वर्ल्ड कप की दूसरी सर्वाधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज बनीं। दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट 571 रनों के साथ शीर्ष पर रहीं।

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हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत का सुनहरा अध्याय

हरमनप्रीत कौर की रणनीति, संतुलित टीम संयोजन और खिलाड़‍ियों पर भरोसे ने इस बार इतिहास रच दिया। इससे पहले भारत ने 2005 और 2017 में फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन खिताब जीतने से चूक गया था। इस बार टीम ने हर कमजोरी को ताकत में बदलते हुए जीत की वह मंजिल हासिल की, जिसका इंतजार देश 47 साल से कर रहा था।

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हरमनप्रीत ने मैच के बाद कहा, “यह सिर्फ हमारी जीत नहीं, बल्कि हर उस लड़की की जीत है जिसने सपना देखा कि वह भारत के लिए क्रिकेट खेलेगी।”


भारतीय महिला क्रिकेट का नया युग

यह जीत भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में एक नई सुबह लेकर आई है। अब यह टीम केवल उम्मीद नहीं, बल्कि विश्वास बन चुकी है। इस जीत के साथ महिला क्रिकेट ने यह साबित कर दिया कि भारत अब विश्व मंच पर किसी भी टीम से पीछे नहीं है।

इस सफलता ने उस सपने को साकार किया है जो 1978 में भारत के पहले वर्ल्ड कप में भाग लेने के साथ शुरू हुआ था — और 2025 में वह सपना हकीकत बन गया।