भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के खिलाफ मजबूत कूटनीतिक अभियान छेड़ दिया है। देश के 51 सांसदों और कई पूर्व राजनयिकों व नौकरशाहों का एक बड़ा सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सात समूहों में बंटकर 33 देशों की राजधानियों का दौरा कर रहा है। इस अभियान का उद्देश्य एक ही है—पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने वाली नीतियों को दुनिया के सामने लाना और भारत की जवाबी कार्रवाई को वैश्विक मंचों पर तार्किक रूप से प्रस्तुत करना।
आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हुआ भारत
इन प्रतिनिधिमंडलों में बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके, सीपीआई-एम और समाजवादी पार्टी जैसे विभिन्न दलों के सांसद शामिल हैं। चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, सभी नेताओं ने मिलकर यह संदेश देने की कोशिश की है कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत एकजुट है। शशि थरूर, सुप्रिया सुले, कनिमोझी, सलमान खुर्शीद, बैजयंत पांडा, संजय झा, राजीव राय, जॉन ब्रिटास जैसे सांसद इन दलों का नेतृत्व कर रहे हैं।

बहरीन और कतर में मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया
भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में बहरीन पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज़ (IISS) के साथ चर्चा की। वहीं दोहा में सुप्रिया सुले की अगुवाई में कतर सरकार के अधिकारियों और थिंक टैंक से मुलाकात कर भारत पर हुए आतंकी हमलों और पाकिस्तान की भूमिका पर संवाद किया गया।
पूर्व विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने बताया कि कतर की शूरा परिषद के साथ चर्चा बेहद सार्थक रही। कतर ने आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति दोहराई, जिससे भारत को बड़ा कूटनीतिक समर्थन मिला।

रूस और स्लोवेनिया से भी मिला साथ
डीएमके सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में मॉस्को पहुंचे प्रतिनिधिमंडल की यात्रा बेहद सफल रही। आम आदमी पार्टी के सांसद डॉ. अशोक मित्तल ने बताया कि रूसी सरकार, मीडिया और थिंक टैंकों ने भारत के रुख का समर्थन किया और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने का भरोसा दिलाया।
स्लोवेनिया की राजधानी ज़ुब्लजाना में भी प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत हुआ। पूर्व राजनयिक मंजीव सिंह पुरी ने कहा कि यह मुलाकात इस दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रही कि स्लोवेनिया फिलहाल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का हिस्सा है, जहां पाकिस्तान भी मौजूद है।

दक्षिण कोरिया में प्रवासी भारतीयों ने किया समर्थन
सियोल में जेडी(यू) सांसद संजय झा के नेतृत्व में संवाद के दौरान प्रवासी भारतीयों ने भारत की कार्रवाई को पूरी तरह समर्थन दिया। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स में वैज्ञानिक डॉ. वीरेंद्र कुमार राय ने कहा कि पाकिस्तान के फैलाए दुष्प्रचार का जवाब देने का यह तरीका सराहनीय है। प्रवासी भारतीयों ने भारत सरकार की कूटनीतिक सक्रियता पर गर्व जताया।

विपक्ष भी हुआ एकजुट
सीपीआई-एम सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि भारत धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक राष्ट्र है, जबकि पाकिस्तान एक धार्मिक राष्ट्र है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि विभिन्न दलों के सांसदों ने मिलकर यह साबित किया कि आतंकवाद के मसले पर पूरा देश एकजुट है।
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि भारत ने केवल आतंकी शिविरों पर निशाना साधा और जब पाकिस्तान ने जवाबी हमला किया, तब भारत ने उसके सैन्य प्लेटफॉर्म्स को निष्क्रिय कर दिया। उन्होंने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, भारत सतर्क है और भविष्य में भी कार्रवाई के लिए तैयार है।
निष्कर्ष: दुनिया में भारत की मजबूत छवि
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की ये यात्राएं भारत की रणनीतिक और कूटनीतिक सोच का उदाहरण हैं। आतंकवाद जैसे वैश्विक खतरे के खिलाफ भारत की यह पहल न केवल उसकी सुरक्षा नीति को सशक्त बनाती है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस संघर्ष में भागीदार बनाती है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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