बिहार विधानसभा चुनाव 2025: पहले चरण में 60.18% मतदान, कई जिलों में छिटपुट घटनाएं और शहरी क्षेत्रों में उत्साह की कमी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग गुरुवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गई। चुनाव आयोग के मुताबिक, शाम 5 बजे तक कुल 60.18 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। इस चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ, जिसमें मतदाताओं ने 1314 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) में बंद कर दिया।

सबसे अधिक मतदान बेगूसराय में हुआ, जहां 67.32 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि शेखपुरा में सबसे कम 52.36 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। राजधानी पटना में 55.02 प्रतिशत लोगों ने वोट डाला, जो अपेक्षाकृत कम माना जा रहा है।

शहरी मतदाताओं में उत्साह की कमी

इस बार बिहार के शहरी मतदाताओं में मतदान के प्रति वह जोश नहीं देखा गया जो गांवों में नजर आया। राजधानी पटना के कुम्हरार, दीघा और बांकीपुर जैसी शहरी सीटों पर मतदान प्रतिशत काफी कम रहा। कुम्हरार में मात्र 39.52%, दीघा में 39.10% और बांकीपुर में 40% वोटिंग हुई। इसके विपरीत ग्रामीण इलाकों में लोगों ने सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें लगाईं।

अतिसंवेदनशील 56 बूथों पर सुरक्षा कारणों से मतदान शाम 5 बजे तक ही कराया गया। निर्वाचन आयोग ने पूरे प्रदेश में मतदान को सुचारू रूप से सम्पन्न कराने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।

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प्रमुख उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा दांव पर

पहले चरण के चुनाव में राज्य के दो उपमुख्यमंत्रियों समेत 18 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इस चरण में 10 सीटों को ‘हॉट सीट’ माना जा रहा है। इन सीटों पर कई बड़े नेताओं का भविष्य तय होना है, जिनमें तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और अनंत सिंह जैसे नाम प्रमुख हैं।

प्रमुख घटनाएं और विवाद

पहले चरण की वोटिंग के दौरान कई स्थानों से छिटपुट हिंसा और विवाद की खबरें भी आईं।
लखीसराय में डिप्टी मुख्यमंत्री की गाड़ी पर हमला हुआ, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। वहीं, राजद एमएलसी अजय सिंह और भाजपा नेता विजय सिन्हा के बीच तीखी झड़प हुई।

पटना के मनेर क्षेत्र में आरजेडी प्रत्याशी भाई वीरेंद्र ने आईडी जांच के दौरान एक दरोगा को कथित रूप से धमकाया और कहा कि "यहीं आग लगा देंगे"।
वैशाली जिले में आरजेडी उम्मीदवार रविंद्र कुमार सिंह के समर्थकों ने सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी की, जिससे मतदान कुछ समय के लिए बाधित हो गया।
दरभंगा में पुलिस पर भी पथराव हुआ, जिसके बाद दो लोगों को हिरासत में लिया गया।

सारण जिले के जैतपुर में सीपीआई उम्मीदवार सत्येंद्र कुमार की गाड़ी पर लाठी-डंडों से हमला हुआ। वहीं, लखीसराय में बूथ कैप्चरिंग की खबर मिलने पर पुलिस अधीक्षक खुद मौके पर पहुंचे और एक घंटे तक फ्लैग मार्च कराया।

तकनीकी खामियां और विरोध

राज्य के 10 जिलों में कई मतदान केंद्रों पर ईवीएम में खराबी की शिकायतें आईं। वैशाली के लालगंज क्षेत्र में कुछ समय के लिए मतदान रोकना पड़ा, जहां लोगों ने "वोट चोरी बंद करो" के नारे लगाए।

पटना साहिब के बूथ नंबर 238 पर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव और मतदान अधिकारियों के बीच बहस हो गई, जिसके बाद वहां माहौल गर्मा गया।
सीवान, दरभंगा और मुजफ्फरपुर के आठ बूथों पर स्थानीय लोगों ने मतदान का बहिष्कार किया। सीवान और दरभंगा में सड़क की मांग पूरी न होने पर विरोध हुआ, जबकि मुजफ्फरपुर में श्मशान भूमि की मांग को लेकर लोग नाराज दिखे। नालंदा के तीन बूथों पर एक भी वोट नहीं पड़ा।

नालंदा में मतदान के दौरान पुलिस ने चार भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया, जिन्हें बूथ के पास पर्चियां बांटते हुए पकड़ा गया।
मुंगेर जिले के नक्सल प्रभावित भीमबंद गांव में 20 साल बाद पहली बार मतदान हुआ, जिससे वहां लोकतंत्र का उत्सव देखने को मिला।

दूसरे चरण की तैयारी और नतीजे

पहले चरण के साथ ही बिहार में दूसरे चरण की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। कुल 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान कराया जा रहा है। दूसरे चरण का मतदान अगले सप्ताह होगा और मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।

इस बार का चुनाव राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है। एक ओर सत्ता में बने रहने के लिए सत्ताधारी दल पूरी ताकत झोंके हुए है, तो दूसरी ओर विपक्ष जनता के असंतोष को अपने पक्ष में करने की कोशिश में जुटा है।

ग्रामीण इलाकों में मतदान का ऊँचा प्रतिशत यह संकेत देता है कि आम लोग इस बार अपनी राजनीतिक भूमिका को लेकर अधिक गंभीर हैं। वहीं, शहरी मतदाताओं की उदासीनता राज्य की राजनीति के लिए एक संकेत है कि जागरूकता बढ़ाने की दिशा में अभी और काम करने की जरूरत है।