‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ अभियान में बोले पीएम मोदी — “बिहार को फिर से जंगलराज में नहीं जाने देना है”

कहा, “जंगलराज से देश और बिहार को बहुत नुकसान हुआ, अब दोबारा उस दौर में नहीं लौटना है”

नई दिल्ली / पटना, 16 अक्टूबर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ अभियान के तहत बिहार के भाजपा कार्यकर्ताओं से वर्चुअल संवाद किया।
इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से जुड़ते हुए चुनावी तैयारी, जनसंपर्क, बूथ सशक्तीकरण और बिहार के राजनीतिक इतिहास से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।

पीएम ने कहा कि “बिहार की जनता ने कठिन दौर से बाहर निकलकर विकास की दिशा में कदम बढ़ाया है। अब किसी कीमत पर राज्य को फिर से जंगलराज के अंधेरे में नहीं जाने देना है।”


🗣️ पीएम मोदी ने कहा — “18 से 45 साल के युवाओं को बताइए, कैसा था जंगलराज का वो दौर”

प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत की शुरुआत बिहार के कार्यकर्ता ओमप्रकाश से करते हुए ‘जंगलराज’ पर चर्चा की।
उन्होंने पूछा कि क्या उन्होंने जंगलराज पर लगी प्रदर्शनी देखी है? कार्यकर्ता ने हां में जवाब दिया तो प्रधानमंत्री ने कहा —

“18 से 45 साल के युवाओं को विस्तार से बताइए कि जंगलराज कैसा था।
बुजुर्गों से उन्हें वो किस्से सुनवाइए, जब बिहार में नक्सलवाद, भय और भ्रष्टाचार अपने चरम पर था।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार ने वो दौर देखा है जब —

  • लोग रात में घर से निकलने से डरते थे,
  • नक्सली रेल की पटरियां उड़ाते थे,
  • सरकारी अधिकारी पुलिस स्कॉर्ट के बिना एक जिले से दूसरे जिले नहीं जा पाते थे,
  • विकास के सारे काम ठप पड़ गए थे।

“हमने बहुत मेहनत से बिहार को उस स्थिति से बाहर निकाला है। अब किसी भी सूरत में ऐसे लोगों को सत्ता में नहीं आने देना है जो राज्य को फिर से उसी अंधकार में धकेल दें।”


👨‍⚕️ पूर्वी चंपारण के डॉक्टर कमलेश से पूछा — “लोग हमारे बारे में क्या कहते हैं?”

पूर्वी चंपारण के मंडल प्रभारी डॉ. कमलेश ने प्रधानमंत्री से कहा कि वे रोज़ 50-60 लोगों से संपर्क में रहते हैं और जनता से बातचीत करते हैं।

प्रधानमंत्री ने मुस्कराते हुए पूछा —

“आप डॉक्टर हैं, तो लोगों से आपकी खूब बात होती होगी।
लोग सरकार के काम के बारे में क्या कहते हैं?”

डॉ. कमलेश ने जवाब दिया —

“पहले बिजली नहीं रहती थी, सड़कें नहीं थीं। अब हम अपने गांव से दो घंटे में पटना पहुंच जाते हैं। जहां अंधेरा था, वहां आज उजाला है।”

प्रधानमंत्री ने पूछा — “क्या लोग सरकार से खुश हैं?”
इस पर कार्यकर्ता ने कहा — “लोग आपके काम से बहुत खुश हैं। हर कार्यकर्ता खुद को सांसद, विधायक और प्रधानमंत्री जैसा महसूस करता है।”


👩 पूर्णिया की मेघा देवी से बोले पीएम — “मैं सर नहीं, आपका भाई हूं”

पूर्णिया की महिला बूथ अध्यक्ष मेघा देवी ने प्रधानमंत्री को बताया कि वे जीविका समूह से जुड़ी हैं और गांव-गांव जाकर योजनाओं की जानकारी देती हैं।
उन्होंने कहा कि 10 हजार रुपये वाली योजना (लालू योजना) से लोगों को काफी लाभ मिला है।

मेघा देवी ने उन्हें “सर” कहकर संबोधित किया, जिस पर प्रधानमंत्री ने मुस्कराते हुए कहा —

“मैं सर नहीं हूं, मैं आपका भाई हूं। नीतीश और मोदी दोनों भाई मिलकर आपके विकास के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।”


🔸 पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को दिए 5 ‘मंत्र’

प्रधानमंत्री ने संवाद के दौरान कार्यकर्ताओं को “पांच महत्वपूर्ण मंत्र” दिए, ताकि बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत बनाया जा सके —

1️⃣ भैया दूज को उत्सव बनाइए

“सभी महिला कार्यकर्ता भैया दूज को उत्सव की तरह मनाएं।
भाइयों को आमंत्रित करें और उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में बताएं।
लाभार्थियों को बुलाकर बताइए कि सरकार ने कैसे उनकी जिंदगी बदली है।”

2️⃣ लाभार्थियों से मिलिए और कहानियां साझा करिए

“ज्यादा से ज्यादा सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से मिलिए।
उनके वीडियो बनाइए और लोगों को दिखाइए।
परिवार के 4-5 लोग एक साथ वो वीडियो देखेंगे और योजनाओं की जानकारी पाएंगे।”

3️⃣ ‘बूथ जीता, तो विधानसभा जीती’

“चुनाव नेता नहीं, कार्यकर्ता जीतता है।
बूथ पर जीत हासिल करना ही विधानसभा की जीत की पहली सीढ़ी है।”

4️⃣ हर मतदाता को भाजपा का प्रचारक बनाइए

“महिलाओं की अलग टोली बनाइए, हर घर में कम से कम 10 बार जाइए।
त्योहारों को लोकतंत्र का उत्सव बनाइए।
हमारा मतदाता ही हमारा प्रचारक बन जाए, यही सच्ची सफलता होगी।”

5️⃣ त्योहारों को लोकतंत्र का उत्सव बनाइए

“त्योहार आने वाले हैं — लोगों से ज्यादा से ज्यादा मिलिए।
महिलाओं को सरकारी योजनाओं, जीएसटी और आत्मनिर्भर भारत की जानकारी दीजिए।”


🕰️ पीएम ने फिर दिलाई ‘जंगलराज’ की याद

प्रधानमंत्री मोदी ने 10 दिन पहले यानी 4 अक्टूबर को भी बिहार के युवाओं से वर्चुअली संवाद किया था।
उस दौरान उन्होंने कहा था —

“ढाई दशक पहले बिहार की शिक्षा व्यवस्था बर्बाद थी।
स्कूल नहीं खुलते थे, शिक्षक नहीं आते थे, और बच्चों को राज्य छोड़ना पड़ता था।
यही पलायन की असली शुरुआत थी। आज का बिहार शिक्षा और रोजगार के नए रास्ते बना रहा है।”


🗳️ बिहार चुनाव — 6 और 11 नवंबर को वोटिंग, 14 नवंबर को नतीजे

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए दो चरणों में मतदान होगा —

  • पहला चरण: 6 नवंबर (121 सीटें)
  • दूसरा चरण: 11 नवंबर (122 सीटें)
  • नतीजे: 14 नवंबर को घोषित होंगे

राज्य में करीब 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 14 लाख नए वोटर पहली बार मतदान करेंगे।
100 वर्ष से अधिक आयु के 14 हजार वरिष्ठ मतदाता भी इस चुनाव में शामिल होंगे।
निर्वाचन आयोग ने विशेष प्रावधान किए हैं —
जो मतदाता बूथ तक नहीं जा सकते, वे फॉर्म 12D भरकर घर से ही वोट डाल सकेंगे।

इस बार बिहार में मोबाइल फोन बूथ तक ले जाने की अनुमति भी होगी।
चुनावी प्रक्रिया 40 दिन चलेगी, जो राज्य के राजनीतिक इतिहास में पहली बार इतना लंबा कार्यक्रम होगा।


🔚 पीएम मोदी का संदेश — “बिहार का भविष्य फिर से अंधकार में न जाए”

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार के लोग जानते हैं कि विकास, सुरक्षा और सुशासन ही सच्ची राजनीति का आधार है।

“हमने बिहार को अंधेरे से बाहर निकाला है।
अब हमें अपने बूथ, अपने मोहल्ले और अपने गांव को मजबूत बनाकर
उस बिहार को फिर से आगे बढ़ाना है, जो कभी ज्ञान, संस्कृति और प्रगति का केंद्र था।”