नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके सम्मान में देशभर में सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार कल राजधानी दिल्ली के राजघाट पर किया जाएगा। उनके अमेरिका में रह रहे परिजनों के लौटने का इंतजार किया जा रहा है।
डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर आज देर रात दिल्ली स्थित उनके आवास पर लाया जाएगा और कल सुबह कांग्रेस मुख्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। आम जनता और गणमान्य व्यक्तियों के दर्शन के बाद अंतिम यात्रा राजघाट की ओर प्रस्थान करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित अनेक राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शोक संदेश में डॉ. सिंह को “ईमानदारी और सादगी का प्रतीक” बताते हुए कहा कि उनका जीवन भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह हमेशा ईमानदार नेता और एक महान अर्थशास्त्री के रूप में याद किए जाएंगे। उन्होंने कठिन समय में देश की सेवा की और आर्थिक सुधारों की नींव रखी।” उन्होंने यह भी बताया कि जब वे मुख्यमंत्री थे, तब वे डॉ. सिंह के साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते थे।
संघ ने भी जताया शोक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत और महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने संयुक्त बयान जारी कर डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह सामान्य परिवार से थे और उन्होंने देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचकर अपने कार्यों से देश का मान बढ़ाया। उनके योगदान को देश सदैव याद रखेगा।”
राजनीतिक और आर्थिक सफर
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार भारत आ गया। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड से शिक्षा प्राप्त की। उनका करियर पंजाब विश्वविद्यालय में शिक्षक के रूप में शुरू हुआ। इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर के रूप में सेवाएं दीं।
1960 के दशक में उन्होंने वित्त मंत्रालय के सचिव और योजना आयोग के उपाध्यक्ष के तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रहे। 1991 में पी.वी. नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री बने। उस समय देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था। डॉ. सिंह ने आर्थिक उदारीकरण की नीति अपनाई, जिसने भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व मंच पर खड़ा कर दिया।
33 वर्षों का संसदीय जीवन
डॉ. सिंह 1991 से 2023 तक राज्यसभा के सदस्य रहे। वे असम और राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए छह बार राज्यसभा के लिए चुने गए। 2004 से 2014 तक वे देश के प्रधानमंत्री रहे और इस दौरान भारत ने कई ऐतिहासिक आर्थिक और सामाजिक सुधार देखे। इस वर्ष 3 अप्रैल को उन्होंने राज्यसभा से सेवानिवृत्ति ली थी।
मनमोहन सिंह का पारिवारिक जीवन
डॉ. सिंह के परिवार में उनकी पत्नी गुरशरण कौर और तीन बेटियां हैं। उनकी बेटियां अमेरिका में निवास करती हैं और उनके निधन की खबर मिलते ही वे भारत लौट रही हैं।
कांग्रेस मुख्यालय में अंतिम दर्शन
डॉ. सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह 8 बजे से 10 बजे तक कांग्रेस मुख्यालय में रखा जाएगा। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा शुरू होगी।
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन हमेशा उनकी सादगी, सौम्यता और बौद्धिकता का प्रतीक रहेगा। उनकी सेवाएं और योगदान भारत के विकास की कहानी में हमेशा अमिट रहेंगे।