भोपाल। चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार ने धार्मिक नगरी मैहर में मांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इसके साथ ही राज्य के 19 धार्मिक शहरों में शराब की दुकानें स्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। यह निर्णय धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने और श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करने के उद्देश्य से लिया गया है।
मैहर में मांस की बिक्री पर रोक
मैहर मध्यप्रदेश का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहां माँ शारदा का सुप्रसिद्ध मंदिर स्थित है। हर वर्ष चैत्र नवरात्रि के दौरान यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस भीड़ को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने नवरात्रि के पूरे नौ दिनों तक मैहर में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह और कई भाजपा नेताओं ने नवरात्रि के दौरान पूरे राज्य में मांस की दुकानों को बंद करने की मांग की थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। प्रशासन का कहना है कि यह फैसला धार्मिक आस्थाओं की रक्षा और क्षेत्र की पवित्रता को बनाए रखने के लिए लिया गया है।
19 धार्मिक शहरों में शराब की बिक्री स्थायी रूप से बंद
मैहर समेत राज्य के 19 धार्मिक शहरों में शराब की दुकानें 1 अप्रैल से स्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। राज्य सरकार ने धार्मिक स्थलों के आसपास शराब की बिक्री को नियंत्रित करने की नीति के तहत यह कदम उठाया है। सरकार का मानना है कि धार्मिक स्थलों के पास शराब बिक्री से समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
राज्य सरकार द्वारा बंद की गई शराब की दुकानों में निम्नलिखित स्थान शामिल हैं:
- मैहर (सतना)
- उज्जैन (महाकालेश्वर मंदिर)
- ओंकारेश्वर (खंडवा)
- अमरकंटक (अनूपपुर)
- चित्रकूट (सतना)
- महेश्वर (खरगोन)
- दतकिया धाम (नरसिंहपुर)
- सांची (रायसेन)
- चोरल (इंदौर)
- पचमढ़ी (होशंगाबाद)
- खजुराहो (छतरपुर)
- कुण्डलपुर (दमोह)
- भीमबैठका (रायसेन)
- मांडू (धार)
- टिगरिया (रतलाम)
- बुंदेलखंड के मंदिर क्षेत्र
- बड़वानी के धार्मिक स्थल
- तिनका धाम (सिंगरौली)
- आदिवासी धार्मिक स्थल पटाखा बाबा (बालाघाट)
शराबबंदी के इस निर्णय को कई सामाजिक संगठनों और धार्मिक संस्थाओं का समर्थन मिला है।
भोपाल-इंदौर में प्रमुख त्योहारों पर भी बंद रहेंगी मांस की दुकानें
मैहर के अलावा, भोपाल और इंदौर में भी प्रशासन ने विशेष धार्मिक त्योहारों पर मांस की दुकानों को बंद रखने का निर्देश दिया है। नगर निगम अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि 30 मार्च (चैती चांद) से लेकर 12 मई (बुद्ध पूर्णिमा) तक कुछ महत्वपूर्ण तिथियों पर मांस की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी।
इन त्योहारों पर मांस की दुकानें बंद रहेंगी:
- 30 मार्च – चैती चांद
- 6 अप्रैल – राम नवमी
- 10 अप्रैल – महावीर जयंती
- 12 मई – बुद्ध पूर्णिमा
नगर निगम प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर कोई दुकानदार इस प्रतिबंध का उल्लंघन करता है, तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और उस पर कड़ी कार्रवाई होगी।
पहले भी लागू हो चुके हैं ऐसे प्रतिबंध
यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का प्रतिबंध लगाया गया है। पिछले वर्षों में भी भोपाल, इंदौर और उज्जैन जैसे शहरों में हिंदू त्योहारों के दौरान अस्थायी रूप से मांस की दुकानें बंद करने का निर्णय लिया गया था।
इसी तरह, गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी धार्मिक स्थलों के पास मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है।
सरकार के फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रिया
सरकार के इस निर्णय पर धार्मिक संगठनों और स्थानीय श्रद्धालुओं ने खुशी जताई है, लेकिन कुछ मांस विक्रेताओं और शराब व्यवसाय से जुड़े लोगों ने इसका विरोध किया है।
धार्मिक संगठनों का कहना है कि यह फैसला श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखकर लिया गया है, जबकि व्यापारियों का तर्क है कि इससे उनके रोजगार पर असर पड़ेगा।
हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक स्थलों के आसपास मांस और शराब की बिक्री पर सख्ती जारी रहेगी और इस निर्णय को वापस लेने का कोई इरादा नहीं है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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