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February 15, 2025 5:33 PM

चुनाव आयोग ने केजरीवाल से यमुना में जहर डालने के दावे पर स्पष्टीकरण देने को कहा

Election Commission Grants Kejriwal One More Day to Respond to Toxic Water Allegations on Yamuna

नई दिल्ली।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के यमुना नदी के पानी को लेकर दिए गए बयान पर चुनाव आयोग ने असंतोष व्यक्त किया है। केजरीवाल ने हाल ही में एक विवादित बयान दिया था जिसमें उन्होंने हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया था कि वह दिल्ली में “जेनोसाइड” (नरसंहार) के उद्देश्य से यमुना नदी का पानी जहरीला कर रही है। इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें एक बार फिर जवाब देने के लिए समय दिया है। आयोग ने केजरीवाल से कहा है कि वह अपने बयान की पुष्टि के लिए सबूत प्रस्तुत करें।

आयोग की प्रतिक्रिया और आदेश

चुनाव आयोग ने कहा कि केजरीवाल की ओर से दाखिल जवाब उनके बयान पर संतोषजनक नहीं था। आयोग ने यह भी कहा कि उनके जवाब में यमुना नदी के पानी को जहरीला करने के संबंध में कोई ठोस जानकारी या प्रमाण नहीं था। आयोग ने केजरीवाल को अगले दिन यानी 31 जनवरी 2025 तक का समय दिया है ताकि वह अपने बयान से संबंधित दावों को सही साबित करने के लिए सबूत पेश कर सकें।

आयोग ने कहा कि उनका जवाब “साइलेंट” था और इसमें किसी प्रकार की पुष्टि नहीं की गई कि यमुना नदी में किस प्रकार का जहर डाला गया है, उसकी मात्रा कितनी थी और इससे ‘जेनोसाइड’ होने का खतरा कैसे उत्पन्न हो सकता है। इसके अलावा आयोग ने यह भी पूछा कि यमुना नदी में जहर डालने का स्थान क्या था, और दिल्ली जल बोर्ड के किस इंजीनियर ने इसे पहचाना, कब और कहां इसे यह समस्या देखी गई। आयोग ने यह भी पूछा कि क्या उपाय किए गए थे ताकि उस जहरीले पानी को रोका जा सके।

केजरीवाल के बयान पर आयोग का संज्ञान

चुनाव आयोग ने केजरीवाल के “जल आतंक” और अन्य बयानों का भी संज्ञान लिया है। आयोग ने यह स्पष्ट किया कि वह किसी भी प्रकार के भ्रामक और असत्य बयानों को सहन नहीं करेगा, खासकर जब यह सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित हो। आयोग ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस तरह के गंभीर आरोपों के पीछे ठोस प्रमाण हो, ताकि किसी को भी बिना किसी आधार के अन्य पक्षों पर आरोप लगाने का अवसर न मिले।

भा.ज.पा. और कांग्रेस की शिकायतें

उल्लेखनीय है कि भाजपा और कांग्रेस ने केजरीवाल के बयान पर शिकायत दर्ज कराई थी और इस पर चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की थी। दोनों दलों ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल का बयान जनता में भ्रम फैलाने और हरियाणा सरकार के खिलाफ उत्तेजना पैदा करने का प्रयास था। इसके बाद चुनाव आयोग ने 28 जनवरी 2025 को केजरीवाल को एक दिन का समय दिया था ताकि वह अपने बयान पर स्पष्टीकरण दे सकें।

केजरीवाल ने आयोग को अपना जवाब 29 जनवरी को दाखिल किया, लेकिन आयोग ने उनकी ओर से दाखिल किए गए उत्तर पर असंतोष व्यक्त करते हुए उन्हें एक और दिन का समय दिया है।

आयोग की कड़ी कार्रवाई की संभावना

इस पूरे मामले में चुनाव आयोग ने साफ किया है कि यदि केजरीवाल अपने आरोपों के समर्थन में उचित प्रमाण नहीं पेश कर पाते, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। आयोग ने यह भी कहा है कि वह इस मामले की गंभीरता को समझते हुए आवश्यक कदम उठाएगा ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था पर कोई असर न पड़े।

यह विवाद इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह बयान दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए थे, जो एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी के नेता हैं। आयोग की ओर से कार्रवाई और इस मुद्दे पर पूरी पारदर्शिता बनाए रखने के प्रयासों से यह स्पष्ट हो गया है कि कोई भी नेता या पार्टी बिना किसी ठोस प्रमाण के सार्वजनिक रूप से किसी पर आरोप नहीं लगा सकते। आयोग के इस कदम को एक गंभीर संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि सार्वजनिक बयानबाजी में भी जिम्मेदारी होनी चाहिए।


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